लखीमपुर खीरी के मुनीर खान को दुनिया कर रही सलाम, जानिये कैसे लाखों लोगों को दे रहे रोशनी

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के 28 वर्षीय मुनीर खान के नवाचारों और तकनीकी कौशल ने उन्हें वैश्विक पहचान दिला दी है। मुनीर खान ने जो कुछ किया, उससे लाखों लोगों के जीवन में रोशनी आ गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 December 2024, 1:16 PM IST

लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के निवासी 28 वर्षीय मुनीर खान आज पूरी दुनिया में अपनी मेधा और इनवोशेन का लोहा मनवा चुके हैं। मुनीर खान लाखों लोगों के जीवन में रोशनी लाने के काम कर रहे हैं। कई दृष्टिहीनों के लिये मुनीर खान का इनोवशन बरदान बन चुका है।   

खेरी के गौरिया गांव में एक साधारण और गरीब परिवार में जन्मे मुनीर खान ने अपने नवाचारों और तकनीकी कौशल के आधार पर अपनी अलग वैश्विक पहचान बना ली है।

अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में सेंसर प्रणाली पर रिसर्च कर रहे भारतीय युवा शोधविज्ञानी ने कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) की मदद से ऐसा चश्मा तैयार किया है, जो दृष्टिबाधित लोगों को दृष्टि देने के साथ उनके लिए दिमाग काम भी करेगा।

उन्होंने हाल ही में ‘एआई-सक्षम चश्मे’ का आविष्कार किया। इससे पहले वे ‘स्मार्ट वॉटर बॉटल’ से लेकर ‘स्मार्ट सॉइल टेस्टिंग डिवाइस’ बना चुके हैं। 

उनके ‘एआई-सक्षम चश्मे’ से कोई भी दृष्टिहीन आसानी से देख सकता है। यह एक एआई आधारित चश्मा है।

उनके इन नवाचारों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे आम लोगों के लिए रोज़मर्रा की सुविधा में सुधार करने की क्षमता रखते हैं।

मुनीर अभावों व बेहद संघर्षों से निकलकर यहां तक पहुंचे। 

उन्होने अपने पिता को तब खो दिया जब वह सिर्फ़ एक साल के थे। उनके चार बड़े भाइयों और माँ ने उनकी शिक्षा का खर्च उठाने के लिए अथक परिश्रम किया।

Published : 
  • 3 December 2024, 1:16 PM IST

No related posts found.