New Delhi: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की फिल्म सितारे जमीन पर ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कंटेंट और स्टार पावर का मेल बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर सकता है। 20 जून 2025 को रिलीज़ हुई यह फिल्म न केवल दर्शकों के दिलों को छू रही है, बल्कि कमाई के मामले में भी तेजी से आगे बढ़ रही है।
फिल्म ने नौवें दिन (दूसरे शनिवार) को लगभग ₹12.75 करोड़ का कलेक्शन किया है। इसके साथ ही फिल्म का कुल बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ₹108.30 करोड़ तक पहुंच गया है। हालांकि यह आंकड़ा अभी शुरुआती अनुमान पर आधारित है और आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।
अब तक का कलेक्शन
- पहला दिन (गुरुवार): ₹10.70 करोड़
- दूसरा दिन (शुक्रवार): ₹20.20 करोड़
- तीसरा दिन (शनिवार): ₹27.25 करोड़
- चौथा दिन (रविवार): ₹8.50 करोड़
- पांचवां दिन (सोमवार): ₹8.50 करोड़
- छठा दिन (मंगलवार): ₹7.25 करोड़
- सातवां दिन (बुधवार): ₹6.50 करोड़
- आठवां दिन (गुरुवार): ₹6.65 करोड़
- नौवां दिन (शुक्रवार): ₹12.75 करोड़ (अनुमानित)
- पहले हफ्ते का कुल कलेक्शन: ₹88.9 करोड़
- कुल अब तक: ₹108.30 करोड़
रिकॉर्ड तोड़ने की ओर
इस धमाकेदार प्रदर्शन के साथ सितारे जमीन पर अब आमिर खान की सातवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है। जल्द ही यह ‘गजनी’ (₹114 करोड़) को पीछे छोड़ सकती है। इसके अलावा इसने सनी देओल की ‘जाट’ (₹88.26 करोड़) और अक्षय कुमार की ‘केसरी 2’ (₹92.53 करोड़) को भी कमाई के मामले में पछाड़ दिया है।
दर्शकों और समीक्षकों की सराहना
फिल्म को दर्शकों से जबरदस्त रिव्यू मिले हैं। सामाजिक संदेश और भावनात्मक कहानी से सजी यह फिल्म बच्चों और परिवारों को खूब भा रही है। आमिर खान की एक्टिंग के साथ-साथ फिल्म की स्क्रिप्ट और निर्देशन की भी तारीफ हो रही है।
आगे क्या?
फिल्म ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि सितारे जमीन पर आने वाले दिनों में ‘120 करोड़’ का आंकड़ा पार कर सकती है, अगर इसका यही ट्रेंड जारी रहा। वीकेंड में और भी ज्यादा कमाई की उम्मीद जताई जा रही है।
क्या है फिल्म की कहानी
“तारे ज़मीन पर” एक दिल को छू जाने वाली हिंदी फिल्म है जो एक डिस्लेक्सिक बच्चे, ईशान अवस्थी, की कहानी को दर्शाती है। ईशान को उसके खराब प्रदर्शन के कारण आलसी और लापरवाह समझा जाता है। लेकिन जब एक नए कला शिक्षक, राम शंकर निकुंभ, की एंट्री होती है, तो ईशान की ज़िंदगी बदल जाती है। निकुंभ उसकी समस्या को समझते हैं और उसे रचनात्मक तरीकों से सीखने में मदद करते हैं। यह फिल्म दिखाती है कि हर बच्चा खास होता है और उसे समझने व प्रोत्साहित करने की ज़रूरत होती है, न कि सिर्फ आंकने की।