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शाहरुख खान ने किया खुलासा: IIT पास करने के बाद SRK ने चुना इकोनॉमिक्स, क्या यही बना सुपरस्टार बनने की वजह?

बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने न सिर्फ साइंस की पढ़ाई की, बल्कि IIT का एंट्रेंस एग्जाम भी पास किया था। हालांकि, मां की अनुमति और अपनी रुचि के चलते उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स और बाद में जामिया से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की।
Post Published By: Sapna Srivastava
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शाहरुख खान ने किया खुलासा: IIT पास करने के बाद SRK ने चुना इकोनॉमिक्स, क्या यही बना सुपरस्टार बनने की वजह?

Mumbai: बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान न सिर्फ फिल्मों में बल्कि पढ़ाई के दिनों में भी शानदार रहे। स्कूल में उन्हें एक आदर्श छात्र माना जाता था। उनके साथ पढ़ने वाले अक्सर कहते हैं कि उनमें जुनून और करिश्मा था, जिससे साफ झलकता था कि वे जीवन में बड़ी सफलता हासिल करेंगे।

IIT एंट्रेंस पास करने का किस्सा

किंग खान की शिक्षा से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सामने आता है। अक्सर लोग जानते हैं कि शाहरुख ने दिल्ली विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स और बाद में जामिया मिल्लिया इस्लामिया से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने IIT का एंट्रेंस भी पास किया था।

शाहरुख खान का छात्र जीवन (Img: Google)

बीबीसी पर वर्ष 2000 में करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में शाहरुख ने बताया कि उनकी मां चाहती थीं कि वे साइंस में आगे बढ़ें। शाहरुख ने कहा, ‘मैंने मां से कहा कि मैं इकोनॉमिक्स पढ़ना चाहता हूं। मां ने कहा कि पहले IIT का एंट्रेंस देकर दिखाओ। मैंने परीक्षा दी और पास कर लिया। उसके बाद मां ने कहा, अब तुम अपनी पसंद का विषय पढ़ सकते हो।’

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लिबरल माहौल में पला-बढ़ा बचपन

इसी बातचीत में शाहरुख ने अपने बचपन और पारिवारिक माहौल के बारे में भी खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि उनका परिवार बेहद उदार था, जहां उन्हें हर चीज़ अपनी इच्छा से करने की आज़ादी मिली। चाहे धार्मिक रीति-रिवाज हों, पढ़ाई हो या करियर का चुनाव, सब कुछ स्वतंत्रता के साथ करने दिया गया।

शाहरुख बोले, ‘हमारे घर में कभी यह नहीं कहा गया कि क्या करना है और क्या नहीं। बहुत ही खुला माहौल था। यहां तक कि धर्म के मामले में भी कभी दबाव नहीं बनाया गया।’

धार्मिक शिक्षा पर विचार

शाहरुख खान ने अपने बचपन के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें नमाज़ पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया, लेकिन कभी डर या दबाव के साथ नहीं। उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया कि नमाज़ पढ़ना अच्छी बात है, तो मैं चला जाता था। जिस तरह से समझाया जाता था, उसी से दिल करता था कि पालन करूं। मैंने हमेशा चाहा है कि अपने बच्चों को भी उसी तरह पालूं, जहां वे इज़्ज़त करें लेकिन किसी चीज़ से डरें नहीं।’

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किंग खान की सोच का असर

शाहरुख खान की यह सोच उनके व्यक्तित्व में भी झलकती है। चाहे उनका करियर चुनाव हो या धार्मिक आस्था, उन्होंने हमेशा संतुलन और स्वतंत्रता का मार्ग अपनाया। यही कारण है कि वे सिर्फ एक सुपरस्टार ही नहीं, बल्कि लाखों युवाओं के प्रेरणा स्रोत भी बने।

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