कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर क्या संगठन में लड़ेंगे कोई और चुनाव? जानिये क्या मिला जवाब

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव होने की स्थिति में प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरने की संभावना को बृहस्पतिवार को वस्तुत: खारिज करते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के बाद अब वह संगठन के किसी अन्य चुनाव में उतरने के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं।

(फाइल फोटो )
(फाइल फोटो )


नयी दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव होने की स्थिति में प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरने की संभावना को बृहस्पतिवार को वस्तुत: खारिज करते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के बाद अब वह संगठन के किसी अन्य चुनाव में उतरने के बारे में विचार नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि अब चुनाव के संदर्भ में दूसरे लोगों को आगे कदम बढ़ाना है।

थरूर ने कांग्रेस के आगामी पूर्ण अधिवेशन के संदर्भ में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि यह अधिवेशन पार्टी के इतिहास में ऐसे मोड़ पर आया है जब अध्यक्ष पद का चुनाव और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ संपन्न हुई है तथा 2024 का लोकसभा चुनाव आने वाला है।

तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा कि इस पूर्ण अधिवेशन से अधिक बेहतर समय इसके लिए नहीं हो सकता है जब पार्टी सदस्यों को इस बारे में चर्चा करने का अवसर मिल रहा है कि हमने क्या हासिल किया है और भविष्य में कौन सी चुनौतियां आने वाली हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या अधिवेशन के दौरान सीडब्ल्यूसी का चुनाव कराना पार्टी के लिए जरूरी है और क्या उन्होंने यह विषय कांग्रेस के नेतृत्व के साथ उठाया है तो थरूर ने कहा, ‘‘मैं यह कह चुका हूं कि चुनाव पार्टी के लिए फायदेमंद होते हैं। मैं भी एक चुनाव में खड़ा हुआ और उसमें हार गया। मुझे लगता है कि यह मेरा काम नहीं है कि मैं पार्टी नेतृत्व को बताऊं कि क्या करना है। उन्हें वो कदम उठाने दीजिए जो वो उचित समझते हैं।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में बहुमत की राय के आधार पर निर्णय होगा।

थरूर ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि अगर ज्यादातर डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) चुनाव चाहते हैं तो चुनाव होगा और अगर ये चाहते हैं कि फिलहाल चुनाव नहीं हो और आगे बढ़ा जाए तो फिर वह भी एक विकल्प होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक बार चुनाव लड़ा, अपनी बात रखी और चुनाव नहीं जीता या डेलीगेट के बहुमत के करीब नहीं पहुंच पाया तो ऐसे में मुझे लगता है कि मैं एक ही चीज की मांग (चुनाव) नहीं करता रहूं।’’

उनके अनुसार, वह सीडब्बल्यूसी का चुनाव कराने की मांग से थोड़ा पीछे हट रहे हैं तथा ऐसा नहीं है कि अपने कहे से पीछे हट रहे हैं।

कांग्रेस नेता का कहना है कि सीडब्ल्यूसी के चुनाव के संदर्भ में ऐसा सिर्फ इसलिए कह रहे हैं कि वह अपनी बात पहले रख चुके हैं तथा अब अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले और पार्टी के कर्ता-धर्ताओं को ज्यादातर डेलीगेट के साथ बातचीत करके फैसला करना है।

थरूर ने कहा कि जहां तक सिद्धांत का सवाल है तो उन्होंने यह अध्यक्ष के चुनाव के समय प्रदर्शित किया था कि चुनाव पार्टी को लामबंद करने में सार्थक योगदान दे सकते हैं।

बहरहाल, उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में ज्यादातर लोग दूसरे विकल्प का पक्ष लेते हैं तो वह बहुमत की राय की जगह अपनी मर्जी एवं पसंद नहीं ला सकते।

यह पूछे जाने पर कि सीडब्ल्यूसी का चुनाव होने पर वह इसमें उतरेंगे तो थरूर ने कहा, ‘‘फिलहाल मैं इस बारे में आगे कुछ विचार नहीं कर रहा हूं। मैं अपना काम कर चुका हैं, अपनी बात रख चुका हूं। मुझे लगता है कि अब दूसरों को आगे कदम कदम बढ़ाना है, अगर उन्हें लगता कि इस दिशा में बढ़ना चाहिए।’’

इस सवाल पर कि क्या समर्थकों के कहने पर चुनाव लड़ने पर विचार कर सकते हैं तो कांग्रेस नेता ने कहा कि फिलहाल सीडब्ल्यूसी चुनाव की कोई घोषणा नहीं हुई है इसलिए फैसला करने का कोई सवाल नहीं उठता।

थरूर पिछले साल अक्टूबर में हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ खड़े हुए थे। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें सीडब्ल्यूसी में नामित किए जाने की कोई उम्मीद है तो थरूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उम्मीद करना या नहीं करना हमारा काम नहीं है। मैं पार्टी में करीब साढ़े 14 साल बिता चुका हूं। अब तक यह मुद्दा नहीं उठा है।’’

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सूत्रों ने पिछले दिनों बताया कि पूर्ण अधिवेशन में 24 फरवरी को पार्टी की संचालन समिति बैठक कर पार्टी की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति के चुनाव के संदर्भ में फैसला करेगी।

कांग्रेस के संविधान के अनुसार, सीब्डब्यूसी का चुनाव होने की स्थिति में 25 सदस्यों में से 12 का चुनाव होता है तथा 11 को अध्यक्ष द्वारा नामित किया जाता है।

कांग्रेस का 85वां पूर्ण अधिवेशन रायपुर में 24 से 26 फरवरी के बीच होगा, जिसमें राजनीति और अर्थव्यवस्था समेत छह विषयों पर मुख्य रूप से चर्चा होगी।

खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार पार्टी का पूर्ण अधिवेशन होगा। कांग्रेस का पिछला पूर्ण अधिवेशन 2018 में दिल्ली में हुआ था।










संबंधित समाचार