कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट पर छाया ग्रहण

डीएन संवाददाता

कानपुर वासी मेट्रो पर चढ़ने का ख्वाब संजो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ मेट्रो प्रोजेक्ट पर खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है।

प्रदर्शन करता
प्रदर्शन करता


कानपुर: कानपुर वासी जहां मेट्रो पर चढ़ने का ख्वाब संजो रहे हैं तो वही दूसरी तरफ मेट्रो पर खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है दरअसल प्रशासन ने मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत कानपुर राजकीय पालीटेक्निक कॉलेज जो कि गुरूदेव चौराहे पर लगभग 50 एकड़ जमीन पर अधिग्रहित है पर मेट्रो यार्ड बनाने के लिये स्वीकृत कर दिया था जिसमें 40 एकड़ पर यार्ड और बाकी 10 एकड़ पर कॉलेज के लिये नए भवन का निर्माण कराने का आदेश दिया था लेकिन आज जब मेट्रो टीम यार्ड के कार्य के लिये पहुंची तो कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विरोध जताते हुए जीटी रोड पर जाम लगा कर हंगामा करते हुए कहा कि हम अपने कॉलेज की एक ईंट भी किसी को नहीं छूने देंगे।

क्या कहना है स्कूल प्रशासन का ?

स्कूल प्रबंधन का कहना है कि जबसे मेट्रो प्रोजेक्ट का कार्य चालू हुआ है राजकीय पालीटेक्निक कॉलेज का सारा माहौल खराब हो गया है लगातार धूल धक्कड़ और शोर शराबे के चलते अध्ययन कार्य में बहुत बाधा आ रही है और हम अपने इस परिसर को बिल्कुल भी नहीं छोड़ेंगे।

कानपुर ITI है विकल्प

सरकार की तरफ से आईटीआई को विकल्प के रूप में रखा गया है लेकिन पालीटेक्निक प्रबंधन इसके लिये कतई तैयार नहीं दिखाई दे रहा है। प्रबंधन का कहना है कि ये हमारी जमीन है और हम इसे बिल्कुल भी नहीं छोड़ेंगे। दरअसल पालीटेक्निक की स्थापना सन् 1962 में हुई थी तबसे यहां ये शिक्षण संस्थान अपनी सेवाएं मुहैया करा रहा है। फिलहाल अभी भी इससे लगभग 7000 लोगों का भविष्य जुड़ा हुआ है। 

मोदी-योगी के विरोध में लगे नारे

स्कूल प्रबंधन समेत छात्र-छात्राओं ने पीएम और सीएम के विरोध में जमकर नारे भी लगाए और जीटी रोड जामकर जबरदस्त प्रदर्शन भी किया। विरोधी सुर में बोलते हुए सबका कहना था कि ये मेट्रो यार्ड की आड़ में पालीटेक्निक को उजाड़ने की साजिश है अगर यार्ड का निर्माण हुआ तो कॉलेज से लैब और छात्रावास का भविष्य पूरी तरह से खत्म हो जाएगा ऐसे में हम सब कहां रहेंगे और कैसे पढ़ाई करेंगे हम इसकी पूरी तरह से निंदा करते हैं और अगर जरूरत पड़ी तो इस मुद्दे पर सीएम और पीएम तक के पास जाएंगे।  

अब ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार प्रशासन को इस मसले पर क्या कदम उठाकर निजात मिल पाती है क्योंकि ये सरकार के लिये बड़ी चुनौती साबित हो सकती है










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