Chamoli Glacier Disaster: गोरखपुर के 3 युवक भी ग्लेशियर टूटने के बाद से गायब, NTPC में करते हैं काम, तलाश के लिये उत्तराखंड को निकले परिजन

डीएन संवाददाता

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद से वहां काम करने वाले उत्तर प्रदेश के कई लोग भी गायब है, इनमें गोरखपुर के तीन युवक भी शामल हैं, जो तपोवन में एनटीपीसी प्रोजेक्ट में काम करते थे। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट

ग्लेशियर फटने से एनटीपीसी और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट बुरी तरह तबाह
ग्लेशियर फटने से एनटीपीसी और ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट बुरी तरह तबाह


गोरखपुर/लखनऊ: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद से मची तबाही के बाद से बड़ी संख्या में लापता लोगों में यूपी और बिहार के भी कई लोग भी शामिल है। रेसक्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन लापता लोगों का अभी तक पता नहीं चल सका है। घटना के बाद से लापता लोगों में तीन युवक गोरखपुर के भी शामिल है, जिनका अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। इन युवकों की खोज-खबर के लिये उनके परेशान परिजन अब खुद ही गोरखपुर से तपोवन (जोशीमठ), उत्तराखंड के लिये निकल चुके हैं।

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रेसक्यू ऑपरेशन जारी

ग्लेशियर की तबाही के बाद से गोरखपुर के जो तीन युवक लापता है, वे तीनों तपोवन में नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की पनबिजली परियोजना में काम करते हैं। एनटीपीसी की यह परियोजना जोशीमठ के पास स्थित धौली गंगा पर स्थित है। घटना के बाद से इस प्रोजेक्ट को भी भारी नुकसान हुआ हैं और यहां काम करने वाले कई कर्मचारी लापता है, जबकि कुछ के अब भी टनल में फंसे होने खबरें हैं।

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गोरखपुर के लापता युवकों में जगतबेला क्षेत्र के गौराखास निवासी 36 वर्षीय धनुषधारी, 22 वर्षीय वेदप्रकाश और बुढियाबारी निवासी 23 वर्षीय नागेंद्र उर्फ चंदन  शामिल हैं। धनुषधारी और नागेंद्र एनटीपीसी में वेल्डर का काम करते हैं जबकि वेदप्रकाश भी वहीं हेल्पर के पद पर काम करते हैं।

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ग्लेशियर फटने की सूचना मिलने के बाद से सभी लापता युवकों के परिजनों का बुरा हाल है और अब वे खुद ही उनकी खोज-खबर के लिये तपोवन के प्रस्थान कर चुके हैं। मंगलवार की सुबह लापता युवकों के परिजन इंटरसिटी एक्सप्रेस से लखनऊ पहुंचे और जहां से वह शाम को दून एक्सप्रेस से उत्तराखंड जाएंगे। 

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पावर प्रोजेक्ट के टनल में फंसे हैं अब भी कई लोग

बताया जाता है कि घटना के बाद से तीनों युवकों के मोबाइल फोन नहीं मिल पा रहे हैं और युवकों के बारे में उनको परिजनों को भी कोई खबर नहीं मिल सकी, जिसके बाद उन्होंने खुद खोज-खबर के लिये उत्तराखंड जाने का फैसला किया। लापता युवक वेदप्रकाश के पिता राजेंद्र सिंह, नागेंद्र के भाई महेंद्र सिंह और धनुषधारी के बड़े भाई चक्रधारी सिंह युवकों की खोज-खबर के लिये नकल गये हैं।

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बता दें कि ग्लेशियर फटने की घटना के बाद अब तक 30 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 171 लापता हैं। इनमें से कई लोग अब भी पावर प्रोजेक्ट के टनल में फंसे हुए हैं।










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