Chamoli Glacier Tragedy: तबाही की सुरंग में जिंदगी की तलाश जारी, रेसक्यू ऑपरेशन से अंतिम उम्मीदें जिंदा, 29 शव मिले, 171 लापता, जानिये ताजा हाल

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड के चोमली में ग्लेशियर फटने से मची तबाही का आज तीसरा दिन है। वक्त जैसे-जैसे बीत रहा है, लापता लोगों के जीवन का संकट भी बढता जा रहा है लकेिन इसके बावजूद भी उम्मीद की आस बंधी हुई है। जारी रेसक्यू ऑपरेशन के बीच जानिये ताजा हाल

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार सुबह लिया प्रभावित क्षेत्रों का जायजा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार सुबह लिया प्रभावित क्षेत्रों का जायजा


देहरादून: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से ऋषि गंगा और धौली गंगा समेत आसपास के क्षेत्रों में मची तबाही का आज तीसरा दिन है। वक्त जैसे-जैसे बीत रहा है, लापता लोगों के जीवन का संकट भी बढता जा रहा है लेकिन इसके बावजूद भी उम्मीद की आस बंधी हुई है। रात भर रेसक्यू ऑपरेशन चलता रहा और सुरंग में फंसे और लापता लोगों की तलाश जारी रही। अब तक 29 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 171 लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अब तक 29 शव बरामद किये गये है। टनल में दूसरे रास्ते से जाने की कोशिश का जा रही है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने आज सुबह जोशीमठ पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वे जोशीमठ में आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती घायलों से भी मिले। 

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एयर फोर्स की टीमें भी राहत और बचाव कार्यों में जुटी

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तपोवन की टनल में अब भी करीब 37 लोगों के फंसे होने की खबरें सामने आ रही है। लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, टनल में फंसे लोगों के जीवन पर खतरा भी बढता जा रहा है। लोगों को निकालने के लिये जिस तेजी और जोश के साथ रेसक्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, उस पर सभी की उम्मीदें टिकी हुई है।  

टनल में भारी कीचड़ बड़ी परेशानी

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बताया जाता है कि सुरंग में भारी मात्रा में कीचड़ भरा होने के कारण रेसक्यू ऑपरेशन में काफी मुश्किलें आ रही है। ताजा जानकारी के मुताबिक आज सुबह तक 170 मीटर टनल खाली हो पाई है। ITBP की ओर से तपोवन की टनल को खाली करने का काम किया जा रहा है, ताकि लोगों को बचाया जा सके। यह काम अनवरत जारी है और इस काम में कई लोग लगे हुए हैं।

सुरंग के अंदर कीचड़ को हटाने के लिये जेसीबी मशीनें लगातार काम कर रही हैं। सेना को उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में इस दूरी को खत्म कर लिया जाएगा।

आज सुबह से ही सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमें ऑक्सीजन के साथ यहां तैनात है, ताकि जरूरत पड़ते ही उपयोग में लिया जा सके।

राहत-बचाव कार्य के लिये वायुसेना की ओर से आज Mi-17 को मिशन में लगाया गया है, जो देहदादून से जोशीमठ में NDRF के जवानों को पहुंचा रहा है। 
 










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