Chamoli Tragedy LIVE: रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, 18 शव मिले, 200 से अधिक लापता लोगों में UP-Bihar से ज्यादा, जानिये ग्लेशियर त्रासदी का ताजा अपडेट
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के करीब ग्लेशियर से प्रभावित इलाकों में सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसएसबी और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। जानिये जारी रेसक्यू ऑपरेशन के बीच घटना का ताजा हाल
देहरादून: नंदा देवी ग्लेशियर के टूटने से चमोली में आयी तबाही में हताहतों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसएसबी, एसडीआरएफ, आर्मी, आर्मी मेडिकल टीम, स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
ताजा जानाकरी के मुताबिक अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है एवं 16 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किये गये हैं। वहीं टनल में अभी भी कम से कम 40 से 50 लोग फंसे हुए हैं। लापता लोगों की संख्या 203 के आसापास बताई जा रही। इनमें यूपी-बिहार के अलावा स्थानीय गांवों के कई लोग भी शामिल हैं।
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उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि लापता लोगों में अधिकतर लोगों पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले हैं। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के रहने वाले अकेले 30 लोग भी इनमें शामिल हैं।
The workers who are missing are most probably from eastern UP and Bihar. I have been contacted in this regard that 30 of these people (missing) are from Lakhimpur Kheri (UP): Ashok Kumar, DGP #Uttarakhand pic.twitter.com/Pr9Z9DcHa4
— ANI (@ANI) February 8, 2021
स्थानीय गांवों के लापता लोगों और अन्य क्षेत्रों के श्रमिकों में रैणी गांव से 5, करछो 2, तपोवन ऋषित्व कंपनी और उसकी सहयोगी के 121, रिंगी गांव से 2, ऋषि गंगा कंपनी से 46, ओम मेटल कंपनी से 21, एचसीसी 3 और तपोवन गांव के 2 लोग लापता है।
घटना में अब तक 6 लोग घायल जबकि 12 लोग सुरक्षित बचाए गए हैं। आपदा में 5 पुल हुए क्षतिग्रस्त हुए हैं और कई गावों का संपर्क टूट गया है। इन गावों में हैलीकैप्टर और अन्य साधनों से राशन व जरूरी चीजों की आपर्ति की जा रही है।
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रेस्क्यू आपरेशन में एसडीआरएफ के 70 जवान, एनडीआरएफ के 129 जवान, आइटीबीपी के 425 जवान, एसएसबी की एक टीम, सेना के 124 जवान, आर्मी की दो मेडिकल टीम और स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें लगी हैं। इसके कई 108 एंबूलैंस भी मौके पर मौजूद है।
एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान नेका कहना है कि 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग में बचाव अभियान चल रहा है। समस्या मलबे के साथ है, जो धीरे-धीरे साफ हो रही है।
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि यह एक बहुत ही मुश्किल स्थिति है, लेकिन आइटीबीपी ने सफलतापूर्वक एक सुरंग से लोगों को बचाया और अब वे दूसरी सुरंग पर काम कर रहे हैं, जो लगभग 3 किमी लंबी है। एनडीआरएफ और सेना भी इस काम में लगी है। दोपहर तक हम कुछ सकारात्मक परिणामों की उम्मीद कर सकते हैं।