Uttarakhand: जानिये ग्लेशियर की तबाही के बाद रात को कैसे चल रहा है रेसक्यू ऑपरेशन, कई गांवों का संपर्क खत्म, दर्जनों लोग लापता, ताजा अपडेट

डीएन संवाददाता

उत्तराखंड के चमोली जनपद के जोशीमठ के पास ग्लेशियर फटने से मची तबाही का मंजर अब धीरे-धीरे सामने आने लगा है। यहां के कई गांवों का सपर्क कट गया है और कई लोग अब भी लापता है। जानिये ताजा अपडेट

राहत के लिये IAF C-130 एयरक्राफ्ट देहरादून के लिये रवाना
राहत के लिये IAF C-130 एयरक्राफ्ट देहरादून के लिये रवाना


देहरादून: उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली में बद्रीनाथ से ठीक पहले जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने से मची तबाही ने यहां के स्थानीय लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। सरकार और प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर राहत कार्य किये जा रहे हैं, इसके लिये कई टीमें रेसक्यू कार्यों में जुटी हुई है। इस घटना में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया है।

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घटना का जायजा लेने के बाद देहरादून पहुंचे सीएम टीएस रावत ने की प्रेस कांफ्रेस

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस घटना में 11 गांवों का सड़क संपर्क कट गया है। आर्मी के 4 हेलीकॉप्टर भी पंहुचे। सभी मशीनरी अलर्ट पर है।15 लोगों को सकुशल बचाया गया है। 7 शव मलवे से निकाले गए हैं। टनल 250 मीटर अंदर तक है और 100 मीटर तक रेस्क्यू टीम पंहुच चुकी है।

रात भर चलेगा रेसक्यू

चमोली में तबाही के बाद रात को सबसे बड़ी राहत की खबर यह है कि सरकार और प्रशासन ने यहां 48 घंटों तक लगातार रेसक्यू ऑपरेशन चलाने की घोषणा की है। उत्तराखंड सरकार के अलावा केंद्र सरकार से गृह राज्यमंत्री नित्यानंद कंट्रोल रूम से रेसक्यू ऑपरेशन को मॉनिटर करेंगे। रात भर बचाव और राहत अभियान चलता रहेगा। इसके लिये समुचित बिजली समेत अन्य व्यस्थाएं कर दी गईं हैं। लेकिन यह भी संभावना है कि रात में विजिबिलिटी और मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो सकती है। 

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ पहुंचने के बाद घटना का पूरा जायजा लिया। घटनास्थल का जायजा लेने के बाद राजधानी देहरादून पहुंचे मुख्यमंत्री ने प्रेस से बातचीत में कहा कि  रैणी गांव में हिमस्खलन हुआ था। उसके कारण चार छोटे झूला पुल और एक बड़ा पुल टूट गया है। रैणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट पूरी तरह बर्बाद हो गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि रैणी वाले प्रोजेक्ट में 35-36 लोग काम पर थे जिनमें से 5-6 लोग सुरक्षित हैं। तपोवन वाला जो प्रोजेक्ट है उसमें दो टनल है। एक टनल जो छोटी है उसमें सभी को बचा लिया गया है। एक टनल जो लगभग ढाई किलोमीटर लंबी है, उसमें आईटीबीपी, सेना और एसडीआरफ की टीम रेसक्यू करेगी।

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उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने भी एनडीआरएफ की टीम भेजी है। सेना के तीन हेलिकॉप्टर और एयरफोर्स का भी एक हेलिकॉप्टर भेजा गया है।  मिसिंग लोगों की संख्या 130-135 के आसपास है। ये संख्या घट-बढ़ सकती है क्योंकि अभी कोई बताने की स्थिति में नहीं है। अभी पहला काम लोगों को बचाने का है।










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