उत्तराखंड LIVE: चमोली में ग्लेशियर फटने से ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट का बांध टूटा, कई मजदूरों के बहने की आशंका, हाई अलर्ट, हरिद्वार तक बढ़ा खतरा

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली में बद्रीनाथ के पास ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट के ध्वस्त होने की खबर है। कई मजदूरों के बहने की आशंका जताई जा रही है। पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज पर



देहरादून/गोपेश्वर: उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली में जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने की एक बड़ी खबर आ रही है। यह स्थान बद्रीनाथ के करीब है। ग्लेशियर टूटने से जोशीमठ के पास ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट ध्वस्त होने घटना सामने आ रही है, जिससे कई मजदूरों के बहने की आशंका जताई जा रही है। ग्लेशियर टूटने के बाद पूरे क्षेत्र में बाढ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और हरिद्वार तक खतरा बढ गया है। राज्‍य आपदा प्रबंधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और आला अधिकारी लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री कुछ ही देर में घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं। पुलिस-प्रशासन ने राहत और बचाव के काम शुरू कर दिये हैं। राहत और बचाव के लिये सेना की भी मदद ली जा सकती है।

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जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने की इस घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। संबंधित सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गये हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं।

जोशीमठ से लेकर चमोली, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर समेत पूरे अलकनंदा नदी के तट और देवप्रयाग के बाद ऋषिकेश और हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया गया है। आपदा प्रबंधन दल राफ्टिंग स्थलों पर पहुंच गया है। यहां राफ्टिंग बंद करा दी गई है। इसके साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग जिले में नदी किनारे सभी सभी स्थानों पर प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।

चमोली जनपद में बद्रीनाथ से पहले एवलांच टूटने के बाद कुछ दूरी पर स्थिति ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है। 

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खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के सभी कैंपों को खाली कराया जा रहा है। 










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