Uttarakhand: चमोली में ग्लेशियर से भारी त्रादसी,पावर प्रोजेक्ट तबाह, 10 शव बरामद, सुरंग में फंसे 20 लोग बचे, 150 लापता लोगों में से कई के मौत की आशंका
उत्तराखंड के चमोली में जोशीमठ के ग्लेशीयर टूटने से ऋषि गांगा पावर प्रोजक्ट तबाह हो गया है। इस तबाही के कारण 10 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 150 से अधिक लोगों के लापता की आशंका जताई जा रही है। पढिये ताजा अपडेट
देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के पास ग्लेशियर फटने से बड़ी तबाही हुई है। ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई और ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया है। पानी तेज गति से आगे बढ़ रहा है। अब तक 10 शव बरामद किये जा चुके हैं और अब भी 150 से अधिक लोगों के लापता होने की खबरें है, जिसमें से बड़ी संख्या में मौतों की भी आशंका जताई जा रही है।
उत्तराखंड के DGP अशोक कुमार से मिली ताजा जानकारी के मुताबिक तपोवन डैम में फंसे हुए 16 लोगों को बचा लिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है।
यहां NTPC प्रोजेक्ट से 10 शव बरामद किए गए हैं। कई लोग ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के सुरंग में फंसे हुए बताये जा रहे हैं, जिन्हें निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं। कई घरों के भी तबाह होने की आशंका जताई जा रही है।
It is suspected that around 100 workers were at the site. Of which, 9-10 dead bodies have been recovered from the river. Search operation underway. 250 ITBP personnel are present at site, Indian Army team to reach soon: SS Deswal, DG, ITBP
— ANI (@ANI) February 7, 2021
ताजा जानकारी के अनुसार यहां NTPC प्रोजेक्ट से 10 शव बरामद किए गए हैं। एसएस देसवाल, डीजी ITBP ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि तपोवन टनल में 20 लोगों के फंसे होने की आशंका है। बताया जाता है कि प्रोजेक्ट पर करीब 120 लोग काम कर रहे थे। प्रोजेक्ट में काम करने वाले लोग तेज पानी में बह गए।
सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिये ITBP के जवान तपोवन सुरंग को खोलने के लिए खुदाई कर रहे हैं जो मलबे के कारण पूरी तरह से ब्लॉक हो गया है। सुरंग में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थिति से निपटने के लिए सेना के 600 जवानों को रवाना किया गया है।
उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कर्णप्रयाग में आज 3 बज कर 10 मिनट पर नदी में पानी की बहाव की स्थिति से साफ़ है कि बाढ़ की सम्भावना बहुत ही कम है। हमारा विशेष ध्यान सुरंगों में फंसे श्रमिकों को बचाने में है और हम सभी प्रयास कर रहे हैं। किसी भी समस्या से निपटने के सभी ज़रूरी प्रयास कर लिए गये हैं।
आईटीबीपी, एनडीआरएफ समेत अन्य अर्धसैनिक बलों के जवान बड़ी संख्या में रेसक्यू ऑपरेशन में जुट गये हैं। राहत और बचाव अभियान को तेज कर दिया दिया गया है। वायुसेना भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।