Uttarakhand Floods LIVE Updates: चमोली में बांध टूटने से बड़ी तबाही, कई लोग लापता, मंडराया बाढ़ का खतरा, रेसक्यू ऑपरेशन जारी, मुख्यमंत्री और पुलिस ने की ये अपील

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड के जोशीमठ में बद्रीनाथ के पहले ग्लेशियर फटने से भारी तबाही की आशंका है। कई लोगों के लापता होने की बात सामने आ रही है। बाढ़ के कारण कई छोटे-बड़े बांध बह गए हैं। पूरी रिपोर्ट



देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में बद्रीनाथ के पहले ग्लेशियर फटने से भारी तबाही की आशंका है। कई लोगों के लापता होने की बात सामने आ रही है। बाढ़ के कारण कई छोटे-बड़े बांध बह गए हैं। राहत और बचाव अभियान को तेज कर दिया दिया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेद्र सिंह रावत खुद हालात पर नजर रखे हुए हैं। जोशीमठ से हरिद्वार तक बाढ़ का खतरा मंडराता जा रहा है। ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट के टूटने से बड़ा नुकसान हो गया है। घटना के वक्त पावर प्रोजेक्ट में 40-50 मजदूर मौजूद थे, जिनकी तलाश हो रही है। आईटीबीपी समेत अन्य अर्धसैनिक बलों के जवान बड़ी संख्या में रेसक्यू ऑपरेशन में जुट गये हैं।

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इस घटना में कितने लोग लापता हो गये हैं और कितने लोग घायल या प्रभावित हुए हैं, इसकी ठीक संख्या की अभी तक पता नहीं चल सका है लेकिन जिस बड़े पैमाने पर यह घटना घटी, उससे बड़ी संख्या में लोगों के प्रभावित होने की आशंका है। 

घटनास्थल के लिये रवाना हुए सीएम रावत

ग्लेशियर फटने के बाद जोशीमठ के पास ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गया है। 

चमोली जिले के तपोवन इलाके में रैणी गांव में एक बिजली परियोजना पर हिमस्खलन के बाद धौलीगंगा नंदी में जलस्तर अचानक बढ़ गया है। निजले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊपरी इलाकों में भेजा जा रहा है।

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी लोगों से धैर्य बनाये रखने की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि पुराने वीडियो शेयर करके पैनिक न फैलाएं। उन्होंने कहा सभी जरूरी कदम उठाये गये हैं और वे खुद घटनास्थल के लिये रवाना हो रहे हैं। 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह भी कहा, "चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की संभावना है। नदी में अचानक पाने आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को क्षेत्र से हटाया जा रहा है।" 

घटना पर चमोली पुलिस ने जनता से सुरक्षित स्थानों स्थानों पर जाने की अपील की है। पुलिस ने कहा “शीघ्र जनमानस को सूचित किया जाता है कि तपोवन रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर आने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट को क्षति पहुँची है,जिससे नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, ज़िस कारण अलकनंदा नदी किनारे रह रहे लोगों से अपील है कि  अतिशीघ्र सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं”।  

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सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है। वहीं, चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली करने में जुटे। 

सभी जिलाधिकारियों को आपदा चेतावनी भेजी गई है। जिसमें कहा गया है, 'उत्तराखंड में नंदादेवी ग्लेशियर के एक हिस्से के टूटने की रिपोर्ट मिली है। गंगा नदी पर बसे जिलों को हाई अलर्ट पर रहने की आवश्यकता है और जल स्तर की 24 घंटे निरंतर निगरानी करने की आवश्यकता है
 










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