वायुसेना को मिला पहला अपाचे हेलीकॉप्टर, चीन-पाक सीमा पर होगी तैनाती

डीएन ब्यूरो

देश की ताकत बढ़ाने के लिए अपाचे गार्जियन हेलीकॉप्‍टर भारतीय वायुसेना को आज मिल गया है। इसे अमेरिका ने पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक तक के दुश्मनों से लोहा लेने में प्रयोग किया है। लेबनान और गाजा पट्टी में अपने सैन्य ऑपरेशनों के लिए इजरायल भी इसका इस्‍तेमाल करता है।

भारतीय वायुसेना के अधिकारी लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे गार्जियन के साथ
भारतीय वायुसेना के अधिकारी लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे गार्जियन के साथ


नई दिल्‍ली: भारतीय वायुसेना को शनिवार को अपना पहला लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे गार्जियन मिल गया है। इसका निर्माण अमेरिका के एरिजोना में हुआ है। भारत ने अमेरिका के साथ 22 ऐसे हेलीकॉप्टर के लिए अनुबंध किया था। इससे पहले वायुसेना को चिनुक हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर मिल चुका है।

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अमेर‍िकी हेलीकॉप्‍टर अपाचे गार्जियन को दुनिया का सबसे घातक हेलीकॉप्‍टर माना जाता है। बोइंग एएच-64ई अमेरिकी सेना और अन्य अतंरराष्ट्रीय रक्षा सेनाओं का सबसे एडवांस हेलीकॉप्टर है। यह एक साथ कई काम करने में सक्षम है। 

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इस हेलीकॉप्‍टर में दो बेहद खास इंजन लगे हुए हैं। इसके अलावा आगे के हिस्‍से में नाइट जिन वाले सेंसर फिटर हैं जिससे यह रात में भी उड़ान भरने में सक्षम है। साथ ही यह 365 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। अपनी इसी तेज गति के कारण यह पलक झपकते ही दुश्‍मनों का काम तमाम कर देता है। 

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इसे कुछ इस तरह से बनाया गया है कि युद्ध क्षेत्र में किसी भी परिस्‍थ‍ति में टिका रह सकता है। इसके अलावा यह किसी भी मौसम और परिस्थिति में जंग लड़ने में सक्षम है।

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