Flood in Gorakhpur: बाढ़ से किसानों की कई एकड़ फसल नष्ट, मचा हाहाकार

यूपी के गोरखपुर में बारिश ने तबाही मचा रखी है। बाढ़ से किसान को नुक्सान हो रहा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 October 2024, 4:16 PM IST
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गोरखपुर: यूपी में गोरखपुर (Gorakhpur) दक्षिणांचल के विकास खंड गोला क्षेत्र स्थित बिसरा (Bisra) में बाढ़ (Flood) ने कहर ढा रखा है। दो दर्जन किसानों (Farmers) की करीब 100 एकड़ धान की फसल (Paddy Crop) बाढ़ की चपेट में आने से नष्ट हो गई। नुक्सान का दंश झेल रहे किसानों को सरकार की तरफ से कोई मुआवजा (Compensation) राशि नही मिलने पर किसानों में भारी आक्रोश है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सरयू तट पर स्थित बिसरा वार्ड प्रतिवर्ष बाढ़ की मार झेल रहा है। जिससे प्रतिवर्ष किसानों की धान की 100 एकड़ फसल नष्ट हो रही है। इस वर्ष तीन बार बाढ आ चुका है। जिससे करीब 100 एकड़ में रोपी गई धान की फसल डूब कर नष्ट हो गयी है।

किसानों पर भारी संकट 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों के बावजूद आज बाढ़ की मार झेल रहे ग्रामीणों को उनकी फसल का मुआवजा नहीं मिल रहा है।  जिसको लेकर किसानों में आक्रोश ब्याप्त  है। ग्रामीणों ने अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है।

रेगुलेटर से आता है बाढ़ का पानी
विसरा नदी की भौगोलिक स्थिति बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र जैसी नहीं है। फिर प्रत्येक वर्ष बाढ के पानी से विसरा का मौर्या टोला, बाबू साहब का टोला, बढ़ई टोला घिर जाता है। 1998 की बाढ़ में यहां पीएसी लगानी पड़ी थी।

गोला उरुवा राम जानकी मार्ग पर बिसरा के पास घुटना भर पानी लग गया था। नदी का पानी ओवर फ्लो कर सड़क के उत्तर की तरफ बहने लगा था। इस मार्ग पर एक सप्ताह आवागमन बंद कर दिया गया था। इस बार भी तीन बार बाढ़ आई। 

ग्रामीण बाढ़ आने के पीछे डिहवा से बिसरा तक बने बंधे में  लगे रेगुलेटर को बताते हैं। उनका कहना है कि रेगुलेटर का ढक्कन ठीक से बंद न होने के चलते  बाढ़ का पानी बह कर बिसरा के पूरब तरफ निचले भू भाग में जमने लगता है। जो बाद में बाढ़ का रूप धारण कर लेता है। जिससे प्रति वर्ष बाढ़ क्षेत्र न होने के बावजूद बाढ़ आ जाती है। करीब 100 एकड़ में बोई गई धान की फसल डूब  जाती है।  कई टोला बाढ़ के पानी से घिर जाता है।

तहसीलदार का बयान
तहसीलदार गोला बृजमोहन शुक्ल ने कहा कि प्रभावित वार्ड में लेखपाल को सर्वे करने के लिए दुबारा भेजा गया है। स्थित का मुआयना करने के बाद मुआवजे का आंकलन किया जाएगा। 

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