Gorakhpur Flood: बाढ़ से गोरखपुर-वाराणसी मार्ग बंद, सैकड़ों गांव प्रभावित, जलमग्न हुए कई घर, तस्वीरों में देखिये जल तांडव, चारों ओर दहशत

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में बहने वाली राप्ती-रोहिन, सरयू और गोर्रा नदी में आये उफान से बाढ़ का कहर चरम पर हैं। बाढ़ से सैकड़ों गांव और लाखों लोग प्रभावित प्रभावित है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट

बाढ़ से डूबे कई घर
बाढ़ से डूबे कई घर


गोरखपुर: पूर्वी उत्तर प्रदेश इस समय बाढ़ के भयंकर तहर से जूझ रहे हैं। गोरखपुर और इसके आसपास के जिलों में राप्ती-रोहिन, सरयू और गोर्रा नदी का उफान अब भी चरम पर हैं। जल तांडव से लोगों में भारी दहशत हैं और सैकड़ों गांव पानी से घिर गये हैं। कई घरों में पानि घुस गया है जबकि कई लोगों के आशियाने पानी में पूरी तरह डूब चुके हैं। बाढ़ के पानी के दबाव के कारण गुरूवार को भरवलिया-बसावनपुर रिंग बांध टूट गया था, जिससे अब भी इसके आसपा के क्षेत्रों में संकट मंडरा रहा है। गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर वहानों का आवागमन अब भी बंद है।  

गोरखपुर में बाढ़ और नदियों में आये उफान के कारण लगभग 250 गांव प्रभावित हो गए हैं। इन गांवों की लगभग सवा दो लाख की आबादी भारी संकट से जूझ रही है। कई लोगों के सामने खाने-पीने और जरूरी सामान की समस्या पैदा हो लगई है। गांवों और घर बाढ़ के पानी से घिर जाने की वजह से ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कत हो रही है। वे जरूरी सामान के लिये बाजार भी नहीं पहुंच पा रहे हैं।

जिला प्रशासन ने प्रभावित लोगों की मदद के लिए लगभग 400 नावें लगा दी है। जिला प्रशासन द्वारा प्रभावित गांवों में राहत सामग्री वितरित कराई जा रही है। बाढ़ की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने कई मोटर बोट भी लगाई हैं। एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है। स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है लेकिन बाढ़ की भयावह स्थिति के सामने हर मदद नाकाफी साबित हो रही है।

गोरखपुर-वाराणसी मार्ग पर पहले बड़े वाहनों को आने-जाने से रोक दिया गया है। गोरखपुर-लखनऊ हाईवे पर कालेसर के पास भी कल दोपहर में रिसाव होने लगा, जिसके बाद हड़कंप मच गया। हालांकि अब रिसाव पर काबू पा लिया गया है। ड़हलगंज से बरहज रामजानकी महामार्ग पर भी पानी का दबाव और बढ़ गया है, जिससे इस मार्ग पर भी भारी वाहनों का आवागमन दूसरे दिन भी बंद रहा। 

झंगहा-बरही मार्ग पर पानी चढ़ जाने के कारण दोआबा के 52 गांवों के लोग दहशत में हैं। गगहा इलाके में बंधों में हो रहे रिसाव की वजह से ग्रामीण बुरी तरह डर गए हैं। रात भर जाग-जागकर बंधों की रखवाली कर रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक जनपद में राप्ती नदी का जलस्तर गुरुवार की रात आठ बजे 77.29 मीटर दर्ज किया गया था। नदी 1998 के जलस्तर से अभी भी 25 सेंटीमीटर नीचे है। शहर के किनारे के मलौनी बांध, हर्बर्ट बांध पर दबाव बना है। नौसढ़ में मिट्टी भरी बोरियां रखकर पानी को रोकने का प्रयास किया गया है। हर्बर्ट बांध पर इलाहीबाग के पास रेग्युलेटर से हल्का रिसाव जारी है लेकिन विभाग के अनुसार चिंताजनक बात नहीं है।










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