Mann Ki Baat: मन की बात में बोले पीएम मोदी- आज़ादी का अमृत महोत्सव से रहा है जन आंदोलन का रूप

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये मन की बात की खास बातें

पीएम मोदी कर रहे मन की बात
पीएम मोदी कर रहे मन की बात


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 91वें एपिसोड को संबोधित करेंगे।के जरिये देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

1) इस बार ‘मन की बात’ बहुत खास है।इसका कारण है, इस बार का स्वतंत्रता दिवस, जब भारत अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करेगा। हम सभी बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। ईश्वर ने ये हमें बहुत बड़ा सौभाग्य दिया है।

2) अगर हम गुलामी के दौर में पैदा हुए होते, तो, इस दिन की कल्पना हमारे लिए कैसी होती? गुलामी से मुक्ति की वो तड़प, पराधीनता की बेड़ियों से आज़ादी की वो बेचैनी कितनी बड़ी रही होगी. वो दिन, जब हम, हर दिन, लाखों-लाख देशवासियों को आज़ादी के लिए लड़ते, जूझते, बलिदान देते देख रहे होते।

3) आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। सभी क्षेत्रों और समाज के हर वर्ग के लोग इससे जुड़े अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं।

4) आज ही के दिन, हम सभी देशवासी, शहीद उधम सिंह जी की शहादत को नमन करते हैं. मैं ऐसे अन्य सभी महान क्रांतिकारियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

5) राष्ट्रीय ध्वज को Design करने वाले पिंगली वेंकैया को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ और महान क्रान्तिकारी Madam Cama को भी याद करूँगा. तिरंगे को आकार देने में उनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही है।

6) हम सभी देशवासी अपने कर्तव्य का पूरी निष्ठा से पालन करें | तभी हम उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा कर पायेंगे।

7) इसी जुलाई में एक बहुत ही रोचक प्रयास हुआ है जिसका नाम है- आज़ादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन; इस प्रयास का लक्ष्य है कि लोग आज़ादी की लड़ाई में भारतीय रेल की भूमिका को जानें. देश में अनेक ऐसे रेलवे स्टेशन हैं, जो स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास से जुड़े हैं।

8) कर्नाटका में अमृता भारती कन्नडार्थी नाम का एक अनूठा अभियान चलाया गया; इसमें राज्य की 75 जगहों पर आज़ादी के अमृत महोत्सव से जुड़े बड़े भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए।

9) आप जब कभी तमिलनाडु के लोगों से बात करेंगे, तो आपको थुथुकुडी जिले के वान्ची मणियाच्ची जंक्शन के बारे में जानने को मिलेगा; ये स्टेशन तमिल स्वतंत्रता सेनानी वान्चीनाथन जी के नाम पर है; ये वही स्थान है जहां 25 साल के युवा वान्ची ने ब्रिटिश कलेक्टर को उसके किए की सजा दी थी।

10) आप सभी ने लखनऊ के पास काकोरी रेलवे स्टेशन का नाम भी ज़रूर सुना होगा; इस स्टेशन के साथ राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खान जैसे जांबांजों का नाम जुड़ा है। यहां ट्रेन से जा रहे अंग्रेजों के खजाने को लूटकर वीर क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को अपनी ताक़त का परिचय करा दिया था।

11) देशभर के 24 राज्यों में फैले ऐसे 75 रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई है; इन 75 स्टेशनों को बहुत ही खूबसूरती से सजाया जा रहा है; इनमें कई तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन हो रहा है; आपको भी समय निकालकर अपने पास के ऐसे ऐतिहासिक स्टेशन पर जरूर जाना चाहिए।










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