Mann Ki Baat: पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात के जरिये देश को किया संबोधित, जानिये PM के संबोधन की कुछ खास बातें

डीएन ब्यूरो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देश वासियों को संबोधित किया। मन की बात का 82वां संस्करण है। जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

पीएम मोदी के मन की बात का 82वां संस्करण (फाइल फोटो)
पीएम मोदी के मन की बात का 82वां संस्करण (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देशवासियों को संबोधित किया। मन की बात का यह 82वां संस्करण है। पीएम मोदी ने देश में 100 करोड़ की वैक्सीनेशन की सफलता से अपनी बात को शुरू करते हुए कहा कि हमारे vaccine कार्यक्रम की सफलता, भारत के सामर्थ्य को दिखाती है, सबके प्रयास के मंत्र की शक्ति को दिखाती है।

 डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

1) 100 करोड़ के टीकाकरण के बाद देश में नया उत्साह, नई उर्जा है। वैक्सीनेशन के सफर में लाखों प्रेरक, गर्व से भर देने वाले अनुभव हुए।

2) मैं अपने देश, अपने देश के लोगों की क्षमताओं से भली-भांति परिचित हूँ। मैं जानता था कि हमारे Healthcare Workers देशवासियों के टीकाकरण में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। 

3) हम सभी का दायित्व है कि हम एकता का संदेश देने वाली किसी-ना-किसी गतिविधि से जरुर जुड़ें।

4) अगले रविवार, 31 अक्तूबर को, सरदार पटेल जी की जन्म जयंती है | ‘मन की बात’ के हर श्रोता की तरफ से, और मेरी तरफ से, मैं, लौहपुरुष को नमन करता हूँ।

5) मेरा सौभाग्य है मुझे बागेश्वर आने का अवसर मिला था वो एक प्रकार से तीर्थ क्षेत्र रहा है वहाँ पुरातन मंदिर वगैरह भी, मैं बहुत प्रभावित हुआ था सदियों पहले कैसे लोगों ने काम किया होगा।

6) मैं जब स्वच्छता की बात करता हूँ तब कृपा कर के Single Use Plastic से मुक्ति की बात हमें कभी भी भूलना नहीं है | तो आइये, हम संकल्प लें कि स्वच्छ भारत अभियान के उत्साह को कम नहीं होने देंगे | हम सब मिलकर अपने देश को पूरी तरह स्वच्छ बनाएँगे और स्वच्छ रखेंगे।

7) स्वच्छता के प्रयास तभी पूरी तरह सफल होते हैं जब हर नागरिक स्वच्छता को अपनी जिम्मेदारी समझे | अभी दीपावली पर हम सब अपनी घर की साफ़ सफाई में तो जुटने ही वाले हैं। लेकिन इस दौरान हमें ध्यान रखना है कि हमारे घर के साथ हमारा आस-पड़ोस भी साफ़ रहे।

8) इतने त्योहार एक साथ होते हैं तो उनकी तैयारियाँ भी काफी पहले से शुरू हो जाती हैं। आप सब भी अभी से खरीदारी का plan करने लगे होंगे, लेकिन आपको याद है न, खरीदारी मतलब ‘Vocal For Local’।

9) आप local खरीदेंगे तो आपका त्योहार भी रोशन होगा और किसी गरीब भाई-बहन, किसी कारीगर, किसी बुनकर के घर में भी रोशनी आएगी | मुझे पूरा भरोसा है जो मुहिम हम सबने मिलकर शुरू की है, इस बार त्योहारों में और भी मजबूत होगी।

10) पहले ये धारणा बन गई थी कि सेना और पुलिस जैसी सेवा केवल पुरुषों के लिए ही होती है लेकिन आज ऐसा नहीं है। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी हो गई है।

11) पहले ड्रोन के सेक्टर में इतने नियम और प्रतिबंध लगाकर रखे गए थे कि इसकी असली क्षमता का इस्तेमाल भी संभव नहीं था। जिस तकनीक को अवसर के तौर देखा जाना चाहिए था, उसे संकट के तौर पर देखा गया।

12) अगर आपको किसी भी काम के लिए ड्रोन उड़ाना है तो लाइसेंस और परमिशन का इतना झंझट होता था कि लोग ड्रोन के नाम से ही तौबा कर लेते थे। हमने तय किया कि इस माइंडसेट को बदला जाए और नए ट्रेंड को अपनाया जाए। इसलिए इस साल 25 अगस्त को देश नई ड्रोन नीति लेकर आया। 










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