अमेठी: कमीशनखोरी में लिप्त CHC के डाक्टर, मेडिकल स्टोर्स से मंगा रहे दवाई

यूपी के अमेठी में स्वास्थ्य विभाग में डाक्टरों की और मेडिकल स्टोर्स से सांठगाठ सामने आयी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 4 September 2024, 4:36 PM IST
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अमेठी: योगी सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था के बेहतर होने का दावा कर रही है लेकिन स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह के क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं पूरी तरह से बेपटरी हो गई हैं। एक तरफ जहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष खर्च किए जा रहे हैं मगर इसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है।

सरकार का दावा है कि सरकारी अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाएं और इंजेक्शन मुफ्त में उपलब्ध हैं। इसके बावजूद  बाजार शुकुल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Bazar Shukul Community Health Center) के डॉक्टर मरीजों (Patient) को बाहर से मंहगी दवाएं (Expensive medicines) लिखने से बाज नहीं आ रहे हैं।

पैरासिटामॉल व दर्द निवारक इंजेक्शन भी मेडिकल स्टोर से मंगा रहे 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार हालात यह हैं कि कमीशन के लालच में पैरासिटामॉल व दर्द निवारक इंजेक्शन तक निजी मेडिकल स्टोर्स से मंगाए जा रहे हैं। महकमे के आला अफसर चिकित्सकों की इस मनमानी पर लगाम कसने में नाकाम नजर आ रहे हैं।

डाक्टरों द्वारा मेडिकल स्टोर से मंगाई गई दवाइयां

जानकारी के अनुसार बाजार शुकुल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Community Health Center) पर तैनात डॉक्टर (Doctor) बेधड़क बाहर की दवा-इंजेक्शन लिख ही रहे हैं। यहां पर लगभग हर बीमारी के चिकित्सक मौजूद हैं और प्रतिदिन लगभग साढ़े तीन से चार सौ मरीज इलाज के लिए आते हैं। 

डाक्टरों द्वारा मेडिकल स्टोर से मंगाई गई दवाइयां

सीएचसी के चिकित्सक सेवा नियमावली को दरकिनार कर मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर्स (Medical Stores) से दवाएं लिख रहे हैं। चौंकाने वाला तथ्य तो यह है कि जो दवाएं स्वास्थ्य विभाग के रेट कांट्रैक्ट (आरसी) में शामिल हैं वह भी बाहर से लिखी जा रही हैं। 

सीएचसी बाजार शुकुल की पर्ची

एक पेशेंट ने बताया कि मरीजों को बताया जाता है कि अस्पताल में मौजूद दवाओं का असर उतना नहीं होता है जितना निजी मेडिकल स्टोर्स पर मिलने वाली पेटेंट दवाओं का होता है। 

डीएम के आदेश की अवहेलना
दिलचस्प है कि डीएम से लेकर आलाधिकारी आये दिन अस्पताल का निरीक्षण भी करते रहते हैं। निरीक्षण के दौरान डाक्टरों को बाहर की दवा न लिखने व आशाओं को केंद्र पर प्रसव कराने का सख्त निर्देश दिया गया था लेकिन डीएम के आदेश के बावजूद चिकित्सकों की बाहर की दवा लिखने की आदत छूट नहीं रही है। वही आशा बहू अस्पताल में प्रसव न करवाने के बजाय कमीशन के चक्कर में निजी अस्पतालों में करवा रही हैं।

डीएम से की नकेल कसने की मांग
राकेश, देवनारायण ,रघुवीर,अंजनी समेत अन्य लोगों ने डीएम अमेठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी अमेठी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुकुल बाजार का आकस्मिक निरीक्षण करते हुए बाहर से लिखी जाने वाली दवाओं पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है जिससे लोगों का इलाज शासन की मंशा अनुरूप हो सके।

सीएमओ का बयान
सीएमओ डा. अंशुमान सिंह का कहना है कि जल्द ही छापेमारी की जायेगी। दोषी पाये जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।