Kashi Vishwanath Corridor: पीएम मोदी ने किया काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण, जानिये संबोधन की कुछ खास बातें

डीएन ब्यूरो

देश की धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की बड़ी सौगात दे दी है। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण पर संबोधित करते पीएम मोदी
विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण पर संबोधित करते पीएम मोदी


वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आज वाराणसी से देश की जनता को बहुप्रतिक्षित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का तोहफा दे रहे हैं। पीएम मोदी ने आज सुबह वाराणसी पहुंचकर काल भैरव के दर्शन किये और पूजा-अर्चना की। जिसके बाद पीएम मोदी ने गंगा स्नान किया और अब वे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर रहे हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण के मौके पर पीएम मोदी के साथ यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई अन्य नेता भी शामिल रहे। 

डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के मौके पर पीएम मोदी के संबोधन की कुछ खास बातें।

1) अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूँ, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूँ। काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है। मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूँ।

2) हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद, एक अलौकिक ऊर्जा यहाँ आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देती है।

3) आप यहाँ जब आएंगे तो केवल आस्था के दर्शन नहीं करेंगे। आपको यहाँ अपने अतीत के गौरव का अहसास भी होगा। कैसे प्राचीनता और नवीनता एक साथ सजीव हो रही हैं, कैसे पुरातन की प्रेरणाएं भविष्य को दिशा दे रही हैं, इसके साक्षात दर्शन विश्वनाथ धाम परिसर में हम कर रहे हैं।

4) विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का! ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का! ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का! भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का।

5) पहले यहाँ जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हजार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हजार श्रद्धालु आ सकते हैं। यानि पहले माँ गंगा का दर्शन-स्नान, और वहाँ से सीधे विश्वनाथ धाम।

6) काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है।

7) मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। मुझे अभी अपने इन श्रमिक साथियों से मिलने का, उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है।

8) हमारे कारीगर, हमारे सिविल इंजीनयरिंग से जुड़े लोग, प्रशासन के लोग, वो परिवार जिनके यहां घर थे सभी का मैं अभिनंदन करता हूं। इन सबके साथ यूपी सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का भी अभिनंदन करता हूं जिन्होंने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया।

9) यहाँ अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं! अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। और अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं।

10) आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए! औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की! लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।

बता दें कि श्री काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रहा है। काशी विश्‍वनाथ धाम करीब 5 लाख स्‍कवॉयर फीट क्षेत्रफल में बना हुआ है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कुल लगात 900 करोड़ रुपए है।  श्री काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर के भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं।  










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