यूपी में राशन घोटाले को लेकर एसटीएफ चीफ अमिताभ यश डाइनामाइट न्यूज़ पर LIVE

डीएन ब्यूरो

यूपी में बड़े पैमाने पर राशन वितरण प्रणाली में हुए घोटाले की जांच में एसटीएफ ने कई बड़े खुलासे हुए है। क्या है यह राशन घोटाला और किस तरह यूपी एसटीएफ ने इस सेंधमारी का किया खुलासा? इन्हीं सब बातों को लेकर यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया..



लखनऊः यूपी में राशन वितरण प्रक्रिया में खामियों व घोटाले की शिकायतों को लेकर यूपी एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने डाइनामाइट न्यूज़ से खास बातचीत की और इस पूरी प्रक्रिया के बारे में खुलकर बताया। उन्होंने बताया कि उनके पास राशन वितरण से जुड़ी खामियों से संबंधित कई शिकायतें आ रही थी। 

एसटीएफ के चीफ ने कहा कि जब इसकी जांच सितंबर महीने के पहले सप्ताह में यूपी एसटीएफ को सौंपी गई तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। जांच में पता चला कि कुछ खामियों का फायदा उठाकर सेंधमार कुछ समय में ही करोड़पति बन गए। अमिताभ के मुताबिक राशन वितरण के फर्जीवाड़े में खाद्य एवं रसद विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत है। बिना उनकी संलिप्तता के यह घोटाला संभव ही नहीं है।  

यह भी पढ़ेंः यूपी STF ने करोड़ों के राशन वितरण घोटाले में तीन सेंधमारों को किया गिरफ्तार

एसटीएफ की कार्रवाई में पकड़े गए तीन आरोपियों के बाद अब उनसे खाद्य एवं रसद विभाग के फर्जीवाड़े में शामिल अधिकारियों व कर्मचारियों की भूमिका के बारे में पूछताछ चल रही है। मामले में जरूर नई बात सामने आएंगी। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनकी पहचान मोहम्मद आमिर खान, मोहम्मद अल्तमश और पुष्पेंद्र पाल के रूप में हुई है ये लोग फर्जीवाड़े का गिरोह चला रहे थे। 

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में यूपी एसटीएफ के आईजी ने बताया कि गिरोह के लोग खाद्य एवं रसद विभाग के पूर्ति निरीक्षकों के पासवर्ड और लॉगिन आईडी हासिल कर एक ही आधार नंबर के सहारे जो उपभोक्ता अपना राशन लेने नहीं पंहुचते थे। 

उनके आधार नंबर की जगह पर अपना कोई आधार नंबर अपडेट कर राशन जारी करा लेते थे। आईजी अमिताभ यश ने बताया की गिरफ्तार एक आरोपी पुष्पेन्द्र पाल जानता था की खाद्य एंव रसद विभाग की साइट पर पात्र लाभर्थियों के आधार नंबर की जगह पर दूसरे शख्स का आधार नंबर अपलोड कर राशन आसानी से जारी कराया जा सकता है। बाद में फिर इसको ठीक कर लिया जाता है जिस पर किसी को शक भी नहीं होता।  

यह भी पढ़ेंः लखनऊ: STF ने नकली नोट छापने वाले दो शातिरों को किया गिरफ्तार, हजारों नोट बरामद

अब एसटीएफ इस मामले में हुई गिरफ्तारियों के बाद खाद्य और रसद विभाग के कर्मचारियों की भूमिका की जांच करने में लगी है। जल्द इस पूरे मामले में कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं। इतने बड़े राशन घोटाले का खुलासा सही समय पर होने से एसटीएफ की कार्य प्रणाली व सतर्कता का पता चल रहा है। खुद एसटीएफ अपनी इस कार्रवाई में हाथ लगी सफलता को एक बड़ा खुलासा मानती है।  

DN Exclusive: यूपी राज्य संपत्ति विभाग में घूसखोरी चरम पर, भ्रष्ट अधिकारियों के काले कारनामे जारी

अमिताभ यश के मुताबिक इस पूरे मामले में जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह यह कि एक लाख 83 हजार बार से भी ज्यादा बार गरीबों को मिलने वाले राशन को फर्जीवाड़े के जरिए 20 करोड़ से ज्यादा रुपए के घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था। इस पर एसटीफ ने लगाम लगाई है। वहीं अब पकड़े गए आरोपियों से मामले में पूछताछ चल रही है। जल्द ही इस फर्जीवाड़े में शामिल दूसरे लोगों व विभागीय कर्मियों पर भी कार्रवाई की जाएगी और उनको भी गिरफ्तार किया जाएगा। 










संबंधित समाचार