UPPSC के परीक्षार्थियों ने लंबित पड़ी मांगों को लेकर शुरू किया धरना प्रदर्शन..
यूपी में सत्ता बदलने के बाद UPPSC के छात्रों को उम्मीद थी की अब नई सरकार उनकी समस्याओं को सुनेगी और हल करेगी लेकिन सरकार बदलने के बाद भी लोक सेवा आयोग के परीक्षार्थी अपनी मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।
लखनऊ: सरकार चाहे किसी की भी हो लेकिन यूपी लोक सेवा आयोग यानि UPPSC की कार्यशैली हमेशा से विवादों में रही है। ताजा मामला आयोग द्वारा 2013 में निकाली गई भर्तियों से जुड़ा है छात्रों का आरोप है की 2013 की भर्ती की परीक्षा काफी विरोध प्रदर्शन के बाद 2016 में कराई गई थी लेकिन उसका रिजल्ट आज तक घोषित नहीं हो पाया जिसके कारण उनका भविष्य अधर में लटका पड़ा है और इसी मांग को लेकर लोक सेवा आयोग के परीक्षार्थी रविवार को लखनऊ में गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए।
डिप्टी सीएम पर छात्रों के आरोप
छात्रों ने इस दौरान आरोप लगाते हुए कहा कि एक महीने पहले उन्होंने अपनी मांगो को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात की थी जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया था की जल्द ही रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा लेकिन अभी तक इस मामले पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
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छात्रों ने लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब वे अपनी मांगो को लेकर उनसे मिले तो उन्होंने इस बात का हवाला दिया कि राज्य अभियन्ता सेवा की कापियों को जांचने के लिये हमारे पास एक्सपर्ट ही नहीं है और बाहर से एक्सपर्ट बुलाने के लिए हमारे पास बजट नहीं है। छात्रो का कहना है कि लोक सेवा आयोग पहले भी अभियन्त्रण सेवा के छात्रों के साथ भेदभाव करता रहा है उन्होंने बताया की 2007 की परीक्षा का रिजल्ट 2011, 2008 की परीक्षा का रिजल्ट 2014 और 2011 की परिक्षा का रिजल्ट 2016 में घोषित किया गया था।
सरकार को छात्रों की चेतावनी
उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अभी भी उनकी मांगे को नहीं माना गया तो उनका यह धरना अनिश्चितकालीन धरने में तबदील हो जाएगा जिसकी जिम्मवारी सरकार की होगी।