कानपुर में श्रमिक कालोनी वासियों ने किया धरना प्रदर्शन

डीएन संवाददाता

कानपुर में श्रमिक कालोनी बचाओ आंदोलन को लेकर कालोनी वासियों ने शिक्षक पार्क नवीन मार्केट में बुधवार को विशाल धरना दिया और कालोनी का मालिकाना हक मांगा।

कालोनी वासियों का धरना प्रदर्शन
कालोनी वासियों का धरना प्रदर्शन


कानपुर: श्रमिक कालोनी बचाओ आंदोलन का विशाल धरना बुधवार को शिक्षक पार्क नवीन मार्केट में आयोजित किया गया। जिसमें कानपुर के समस्त श्रमिक कालोनियों के निवासियों ने हिस्सा लिया इस दौरान भारी संख्या में कालोनी वासी उपस्थित रहे। सभी कालोनीवासियों ने कालोनी का मालिकाना हक़ दिल्ली और उड़ीसा के पैटर्न पर हासिल करने तक लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया।

कालोनीवासी से श्रम विभाग ने की धोखाधड़ी

बता दें कि लेबर कालोनियों में पिछले कई वर्षों से लोग कानपुर में बनी समस्त कालोनियों में रह रहे हैं। सभी कालोनीवासी अपनी जिम्मेदारी बखूबी तरह से निभा रहे हैं लेकिन श्रम विभाग के ही लोग अपनी मनमानी में उतारू हो गए हैं। जहां श्रम विभाग सरकार को कालोनियों के बारे में गलत जानकारी दे रहे हैं। वहीं लोगों ने बताया कि श्रम विभाग ने सरकार को ये जानकारी दी है कि कालोनी के लोग किराया नहीं दे रहे हैं। जबकि हर कोई अपनी जिम्मेदारी समझते हुए किराया देने को तैयार है। जबकि किराया लेना भी विभाग ने बंद कर रखा है।

क्या कहना है संस्था के अध्यक्ष का

संस्था के अध्यक्ष दया शंकर शर्मा ने बताया कि इस मामले में शहर के सभी नेता चुपचाप बैठे हैं। उन्होंने कहा कि सतीश महाना जब तक विपक्ष में थे तब तक उन्होंने हमारा साथ देकर विधानसभा में दो बार आवाज़ भी उठाई। उन्होंने कहा कि 1988 के बाद से इन कालोनियों के रखरखाव में उत्तरप्रदेश सरकार का एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ है। लाखों रुपये लगाकर कालोनीवासियों ने कालोनी को बचाकर रखा है। जिसके बाद इनकी कीमत आज कैसे बढ़ गयी। उन्होंने दिल्ली और उड़ीसा के तर्ज पर उत्तर प्रदेश की श्रमिक कालोनियों के साथ कानपुर में भी श्रमिक कालोनियों का स्वामित्व दिए जाने की मांग रखी। उत्तर प्रदेश में पिछ्ली सरकारों ने इस मामले में कई बार विचार, मंथन किया लेकिन अभी भी ये मामला मूर्त रूप नही ले पाया।

क्या कहना है श्रम विभाग का

प्रदेश सरकार द्वारा आए फरमान के तहत श्रमिक क्वार्टरों का निवास सर्वेक्षण प्रारम्भ हो चुका है, उसके बाद ही ये तय हो पायेगा कि मकानों को स्वामित्व दिया जाए या नए सर्किल रेट से बढ़ा कर मानक किराया लिया जाए।










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