यूपी की मासूम बेटी ने लगाई मोदी से गुहार "मुझे बचा लो-पीएम अंकल"

डीएन ब्यूरो

थैलीसीमिया से पीड़ित बच्ची ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मदद की फरियाद की है, उम्मीद है कि पीएमओ से अच्छी खबर जरूर आएगी।

पीएम नरेंद्र मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी


आगरा: माननीय प्रधानमंत्री जी। मेरी पांच साल की बेटी को गंभीर बीमारी है। मैं उसे पढ़ाना चाहता हूं। आगे बढ़ाना चाहता हूं। आप बेटियों को पढ़ाने और बढ़ाने के लिए मुहिम चला रहे हैं। अब सिर्फ आपसे उम्मीद बची है। बेटी को बचाने के लिए मेरी मदद कीजिए...

ये दर्द भरी चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए लिखी गई है। लिखने वाले हैं आगरा, शास्त्रीपुरम के रहने वाले संतोष कुमार। संतोष स्कूल वैन चलाते हैं। बंधी-बंधाई तनख्वाह पर काम करते हैं। किस्मत ने उनके साथ बड़ा मजाक किया है। बड़ा बेटा मानसिक रूप से कमजोर है। पांच साल की बेटी 'बेबो' के साथ भी ईश्वर ने ठीक नहीं किया।

वह थैलीसीमिया से पीड़ित है। इसमें कुछ दिनों बाद शरीर का खून खत्म हो जाता है। तीन साल की उम्र में बेटी की बीमारी का पता चला। प्ले स्कूल में पढ़ने वाली बेबो अब घर बैठी है। हर 15 से 20 दिन में खून खत्म हो जाता है। ब्लड पैक चढ़वाना पड़ता है। ऊपर से महीने भर की दवाओं का खर्च। तीन साल से संतोष बेटी को बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। पहले लखनऊ पीजीआई में इलाज कराया। अब शहर के निजी अस्पताल में खून बदलवाते हैं। तीन से चार हजार रुपए हर माह खर्च होते हैं। हालत यह कि खाने तक के लाले पड़ गए हैं। किसी ने उन्हें एम्स, सफदरजंग या एस्कार्ट में दिखाने की सलाह दी है। लेकिन संतोष में इनती सामर्थ्य नहीं है। उनकी वैन में जाने वाले बच्चों ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखने को कहा। लिहाजा उन्होंने पीएम से फरियाद की है। उम्मीद है कि पीएमओ से उसकी बेटी के लिए अच्छी खबर जरूर आएगी। संतोष इसी आशा में स्कूल कैब को दौड़ा रहे हैं। वैन में चलने वाले मासूम भी इसके लिए प्रार्थना कर रहे है।

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इस दौरान बेबो के पिता सन्तोष कुमार ने कहा कि मेरी हँसती खेलती मासूम बेबो को किसी की बुरी नज़र लग गई। दो साल पूर्व सबकूछ ठीक था, लेकिन अचानक एक दिन उसकी तबियत खराब हो गई। पता चला उसको ब्लड कैंसर है। ये सुनकर मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई। इलाज के दौरान धीरे धीरे जो भविष्य के लिए धन एकत्रित किया था वह सब इलाज के लिए खर्च हो गया। अब घर के हालात बेहद खराब है। साथ हज़ार महीने में कमाता हूँ। उसमें से भी आधे दवाइयों और घर के खर्च में आते है। उसने बताया कि ऐसे में डर लगता है कि अपनी मासूम को खो न दूँ। इसलिए वैन में जो बच्चों को स्कूल छोड़ने जाता हूँ उन्होंने एक दिन पीएम मोदी को पत्र लिखने की सलाह दी। जिसके बाद मेने मोदी जी को पत्र लिखा क्योंकि वह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का अभियान चला रहे है। ऐसे में वह मेरी भी मदद जरूर करेंगे। इसलिए में उनके जवाब का इंतज़ार कर रहा हूं।










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