Antilia Bomb Scare: मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल, जानिये पूरा केस
हाल ही में मुंबई पुलिस के कमिश्नर पद से हटाये गये परम बीर सिंह की याचिका पर देश की शीर्ष अदालत द्वारा कल सुनवाई की जायेगी। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट में जानिये इस केस के बारे में
नई दिल्ली: एंटलिया केस में एनआईए के गिरफ्त में आये सचिन वाझे से महाराष्ट्र के गृह मंत्री द्वारा ‘वसूली’ कराये जाने को लेकर लिखे पत्र के बाद चर्चा में आये मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परम बीर सिंह की याचिका पर देश की शीर्ष अदालत द्वारा कल सुनवाई की जायेगी। परमबीर सिंह ने कल सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने का मांग की है।
परमबीर सिंह अपनी याचिका में होमगार्ड विभाग में उनके तबादले, अनिल देशमुख के खिलाफ लिखी गई चिट्ठी समेत पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख के घर की सीसीटीवी फुटेज की भी जांच होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें |
100 करोड़ की वसूली: अनिल देशमुख की बढ़ी मुश्किलें, CBI ने दर्ज की FIR, जांच शुरू
Supreme Court to hear tomorrow, the plea of former Mumbai Police chief #ParamBirSingh, seeking CBI investigation in the alleged corrupt practices of Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh. In his plea, Singh has also challenged his transfer order. #SupremeCourt #AnilDeshmukh
— Dynamite News (@DynamiteNews_) March 23, 2021
यह भी पढ़ें: Antilia Case: महाराष्ट्र एटीएस ने मनसुख हिरेन हत्या मामले में 2 लोगों को किया गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाय याचिका में परमबीर सिंह ने होमगार्ड विभाग में उनका तबादले किये जाने को भी अवैध बताया है। इसके साथ ही उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में लगाए गए आरोपों की सीबीआई से जांच करवाने की भी मांग की है।
यह भी पढ़ें |
#Maharashtra : महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने दिया इस्तीफा, दिलीप पाटिल होंगे नए गृह मंत्री
हाल ही में मुंबई पुलिस के कमीश्नर पद से हटाकर होम गार्ड विभाग में भेजे गये परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले हफ्ते पत्र लिखकर दावा किया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को 100 करोड़ रुपये की मासिक वसूली करने को कहा है।
उनके इस पत्र के बाद राज्य में सियासी तूफान आ गया। विपक्षी दलों समेत पार्टी के अंदर से भी देशमुख के इस्तीफे की मांग की जा रही है। उनके इन आरोपों से महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाये जा रहे हैं।