UP Assembly Polls: समाजवादी पार्टी का पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का आगाज आज से, 15 अगस्त तक पूरे यूपी में चलेगा कार्यक्रम

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधान सभा चुनाव में पिछड़े वर्ग के वोटरों को लुभाने के लिये समाजवादी पार्टी आज से पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट

सपा ने कल लखनऊ में किया था महान दल कार्यकर्ता सम्मेलन
सपा ने कल लखनऊ में किया था महान दल कार्यकर्ता सम्मेलन


लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये सभी राजनीतिक दलों की चुनावी तैयारियां चरम पर है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी भी वोटरों को लुभाने में लगी हुई है। पिछले वर्ग के मतदाताओं में गहरी पैठ बनाने के लिये अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सोमवार से यूपी में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन शुरू करने जा रही है। इस सम्मेलन के तहत सपा पूरे यूपी में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। यह सम्मेलन 15 अगस्त तक चलेगा।

समाजवादी पार्टी ने इससे पहले कल यानि रविवार को राजधानी लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में महान दल कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं नेता सम्मिलित हुए। इस मौके पर सपा ने “वोट भी बढ़ाएंगे, बूथ भी जिताएंगे"  का नारा दिया। इसके साथ ही "मौर्या, शाक्य, सैनी और कुशवाहों ने ठाना है, 2022 में सपा सरकार बनाना है।" का नारा भी इस सम्मेलन में गूंजता रहा। 

इसी तर्ज पर सपा आज से में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का आयोजन कानपुर से शुरू करने जा रही है। पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का जिम्मा पार्टी नेता राजपाल कश्यप को सौंपी गई है। कश्यप के नेतृत्व यह कार्यक्रम पूरे यूपी में चलेगा। 9 अगस्त को कानपुर के बाद अगले दिन कानपुर देहात में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन होगा।

इनमें सबसे महत्वपूर्ण सम्मेलन 10 अगस्त को फूलन देवी के जन्मदिवस पर उसके गांव में होगा। 11 अगस्त को झांसी, 12 अगस्त को महोबा, 13 अगस्त को हमीरपुर में सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। वहीं, 14 अगस्त को कानपुर ग्रामीण और 15 अगस्त को फतेहपुर के जहानाबाद विधान सभा में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन का समापन होगा।  

इससे पहले पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ पिछड़ा वर्ग सम्मेलन एवं चौपाल कार्यक्रम 23 जुलाई से एक अगस्त तक चला चुका है। यह आयोजन सुल्तानपुर, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही एवं प्रयागराज में हुए थे। गाजीपुर में फूलन देवी की शहादत पर आयोजन की अनुमति नहीं मिल सकी। 










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