चाचा-भतीजे की जंग में सपा ने बचाई आजमगढ़ जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी

प्रवीण टिबड़ेवाल

आजमगढ़ में चाचा और भतीजे की राजनीतिक जंग में बाजी चाचा के हाथ लगी है। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में जिला पंचायत अध्‍यक्ष की कुर्सी को लेकर दो बाहुबलियों के बीच मचे घमासान के बाद नतीजा सबके सामने आ गया है और आखिरकार सपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट भारी अन्तर से अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बचा ली है।

आजमगढ़ में भारी सुरक्षा व्यवस्था
आजमगढ़ में भारी सुरक्षा व्यवस्था


आजमगढ़: समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र में जिला पंचायत अध्‍यक्ष की कुर्सी को लेकर दो बाहुबलियों के बीच सीधी टक्कर कई दिनों से चल रही थी। इसको लेकर भारी तनाव भी देखने को मिला।

इसके बाद आज अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 60 वोट पड़े जबकि इसके खिलाफ में 26 वोट पड़े।

नतीजे के रुप में समाजवादी पार्टी ने अध्यक्ष की कुर्सी भारी अंतर से बचा ली।

समाजवादी पार्टी की जिला पंचायत अध्यक्ष मीरा यादव सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव की पुत्रवधू हैं। हवलदार जिले के प्रमुख नेता दुर्गा यादव के करीबी हैं। इनकी जीत के साथ ही पूर्व कैबिनेट मंत्री दुर्गा यादव ने अपनी बादशाहत एक बार फिर साबित कर दी है। दूसरी तरफ हारे गुट की कमान दुर्गा के ही भतीजे प्रमोद यादव संभाले थे। 

दुर्गा के जिले भर के सभी विरोधी उन्हें हराने के लिए एकजुट थे लेकिन वे अपने मंसूबों में कामयाब नही हो सके।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इस समूचे जीत हार के पीछे के असली गेमचेंजर पूर्व सांसद रमाकांत यादव रहे। इन्होंने अंत में दुर्गा यादव खेमे को सपोर्ट किया जिसके चलते सपा जीत सकी।

जिले में सबकी निगाहें इस बात पर टिकी थीं कि कौन किसके पक्ष में था और कौन विपक्ष में।

जिला पंचायत अध्यक्ष का खेमा

दुर्गा यादव, हवलदार यादव, रमाकांत यादव

जिला पंचायत अध्यक्ष का विरोधी खेमा

बलराम यादव, मुन्ना सिंह, कुंटु सिंह










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