समाधान दिवस महराजगंज: दूधमुंहे बच्चे संग खुशबू दूबे की टूटी उम्मीद, आंसुओं की धार पर भी नहीं पसीजा साहबों का कलेजा

डीएन ब्यूरो

शनिवार को महराजगंज तहसील सभागार में आयोजित समाधान दिवस में घुघली थाने के बरवा चमइनिया गांव निवासिनी खुशबू दूबे ने अपनी पीड़ा रोते-रोते सुनाई। बाजवूद साहबों के दरबार में न्याय की कोई उम्मीद नजर नही आई। डाइनामाइट न्यूज पर जानिए पूरा मामला



महराजगंजः तहसील सभागार में आयोजित समाधान दिवस में न्याय करने वाले कितने बेरूखी हो गए हैं, इसका प्रमाण शनिवार को नजर आया। जब एक पीड़िता गोद में दूध मुंहे बच्चे को लेकर दौड़ी-दौड़ी साहबों के दरबार मे आई। सामने कुर्सी मेज पर कुछ लोग अर्जी पर दस्तखत व मुहर लगाते नजर आए। अचानक रोने-चिल्लाने की गूंज चहुंओर तैर गई। हर किसी की निगाहें उस ओर पहुंची, जहां पीड़िता एक हाथ में अपने बच्चे और दूसरे हाथ में अर्जी लिए फरियाद करते हुए फफक कर रो रही थी।

सामने तहसील सभागर की हर कुर्सी पर साहब लोग आसीन नजर आए। पीड़िता की आवाज सभागार के अंदर पहुंची। तत्काल एक साहब सभागार के बाहर आए और पीड़िता की अर्जी अपने हाथ में लेकर उसे समझाने का प्रयास करने लगे। इस दौरान अपना काम छोड़कर तमाम फरियादियों की भीड़ यहां जुट गई। हर कोई यह जानने की कोशिश में दिखा, आखिर किस गांव का यह मामला है।

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क्या है मामला
मामला घुघली थाना क्षेत्र बरवा चमईनिया गांव की है। यहां दुर्गेश दूबे को बाप की बिरासत से छह डिस्मिल जमीन मिली है, जो आराजी नम्बर 227 ज रकबा 0,065 दुर्गेश के नाम खतौनी में दर्ज है। घर की माली हालात खराब होने से दुर्गेश परदेश में कमाने गया था। इसी दौरान गांव के कुछ लोगों ने उस जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया और मकान बनाने के लिए फिराक में जुट गए। जब दुर्गेश परदेश से घर वापस लौटा, तो उसके जमीन की नवैइत्त ही बदल गई है। इसे लेकर वह घुघली थाने पर पहुंचा। वहां पुलिस वालों ने यह कर पल्ला झाड़ लिया कि यह राजस्व का मामला है। इसमें हम कोई मदद नही कर सकते।

लेखपाल व कानूनगों ने भी झाड़ा पल्ला
दुर्गेश व उसकी पत्नी लेखपाल व कानूनगों के दरबार में पहुंचे। वहां भी उन लोगों ने यह कहकर मामले को टाल दिया कि इसमें मुकदमा करना पडे़गा। फिर जमीन खाली करने के लिए दुर्गेश ने किसी तरह मुकदमा दखिल किया। अंत में वह मुकदमा भी खारिज हो गया। फिर वह जिला प्रशासन के हर दरबार में हाजिरी लगाया, वहां से भी उन्हें कोई उम्मीद की किरण नहीं जागी। अंत में थकहार कर समाधान दिवस में पहुंचा, लेकिन यहां भी उसे न्याय की आस नही दिखाई दे रही है।    

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डाइनामाइट न्यूज़ पर खुशबू ने सुनाई पीड़ा
समाधान दिवस के मौके पर पहुंची डाइनामाइट न्यूज़ की टीम को खुशबू ने अपनी पीड़ा बताया। उसने कहा कि कड़ाके की ठंड के बीच हमने कई बार इस साहबों के दरबार में हाजिरी लगाई, लेकिन मेरी बात कोई सुनने को तैयार नही हुआ। सिर्फ हर जगह आश्वासनों की घुट्टी पिलाकर साहबो ने इस मामले को दरकिनार कर दिया। घर में जो भी खाने के लिए थे उसे बेचकर इन साहबों के खिदमत में लगा दी। फिर भी न्याय की कोई उम्मीद नही दिखाई दे रही है। वही पुस्तैनी जमीन बाप से मिली है। दबंगो ने उस पर कब्जा कर लिया है। इस मामले में डाइनामाइट न्यूज ने एसडीएम सदर से बात करने की कोशिश की, तो उनका फोन नहीं उठा।










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