पीएम मोदी को संयुक्त राष्ट्र का ‘चैंपियंस ऑफ द अर्थ’ अवॉर्ड, कहा- यह हर भारतीय का सम्मान
यूनाइटेड नेशंस 'चैंपियंस ऑफ द अर्थ' अवार्ड से नवाजे जाने के मौके पर प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने सभी से गांव, शहर, प्रकृति और पर्यावरण बचाने की अपील की और इस अवॉर्ड को देश वासियों का सम्मान बताया। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
नई दिल्ली: पर्यावरण और प्रकृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मंगलवार को 'चैंपियंस ऑफ अर्थ' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यूएन चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने पीएम मोदी को इस सम्मान के साथ सम्मानित किया।
पीएम मोदी के कार्यों की सराहना
राजधानी दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र में आयोजित सम्मान समारोह में यूएन चीफ गुटेरेस ने कहा कि पीएम मोदी ने स्वीकार किया कि जलवायु परिर्वतन से हम सभी को सीधे तौर पर खतरा है। यह खतरा किसी एक देश तक सीमित नहीं है, यह पूरे विश्व की चिंता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जानते हैं कि इस आपदा से बचने के लिए हमें किस चीज की जरूरत है और क्या किया जाना चाहिये। इस दिशा में उनके द्वारा उठाये गये कदम सराहनीय है।
यह भी पढ़ें |
मन की बात में बोले पीएम मोदी- खेल हमें समाज और पर्यावरण के बारे में भी जागरूक बनाते हैं
प्रकृति को मां के रूप में देखते हैं भारतीय
इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह हर भारतीय का सम्मान है। भारत को लोगों द्वारा सदियों से ही प्रकृति को मां के रूप में देखा जाता है। उन्होंने कहा कि उनका यह सम्मान भारत के आदिवासियों, किसानों, मछुआरों, ग्रामीणों और हर खेतीहर का सम्मान है। इन सभी के लिए भी जीवन प्रकृति के अनुसार ही चलता है। मोदी ने कहा कि यह सम्मान भारतीय नारी का सम्मान है, जो पौधों और प्रकृति का ख्याल रखती हैं।
यह भी पढ़ें |
मोदी और गुटेरेस ने जलवायु परिवर्तन समेत कई मुद्दों पर की चर्चा
क्लाइमेट चेंज से निपटने के लियेक्लाइमेट जस्टिस जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में सदियों से ही पर्यावरण और प्रकृति के प्रति गहरी संवेदना रही है। भारतीयों ने प्रकृति को सजीव माना है और यह हमारी जीवन शैली का अभिन्न अंग रहे है। समय-समय पर इसके दोहन को लेकर भारत ने चिंता भी जतायी है। पर्यावरण के प्रति भारत की संवेदना को आज पूरी विश्व स्वीकार कर रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की चिंता हमारी सभी की संस्कृति का हिस्सा होना चाहिये और जब तक ऐसा नहीं होगा तब तक इस समस्या को खत्म करना मुश्किल है। पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए मैं क्लाइमेट जस्टिस की बात करता हूं। क्लाइमेट चेंज की चुनौती से क्लाइमेट जस्टिस सुनिश्चित किए बिना निपटा नहीं जा सकता।