एमसीडी सचिव ने स्थायी समिति के लिए नए सिरे से मतदान की सिफारिश की
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सचिव ने स्थायी समिति का चुनाव फिर से कराने की सिफारिश की है। उन्होंने दावा किया कि पार्षदों को मतदान के दौरान मोबाइल फोन साथ रखने की महापौर से मिली अनुमति के बीच चुनाव प्रक्रिया की शुचिता को ‘बुरी तरह से भंग’ किया गया।
नयी दिल्ली: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सचिव ने स्थायी समिति का चुनाव फिर से कराने की सिफारिश की है। उन्होंने दावा किया कि पार्षदों को मतदान के दौरान मोबाइल फोन साथ रखने की महापौर से मिली अनुमति के बीच चुनाव प्रक्रिया की शुचिता को ‘बुरी तरह से भंग’ किया गया।
एमसीडी के सदन को गतिरोध की वजह से दिन में स्थगित कर दिया गया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों के मतदान के दौरान मोबाइल फोन रखने का विरोध किया है।
‘आप’ नेताओं ने महापौर के फैसले का समर्थन किया है जबकि भाजपा सदस्यों ने ‘कड़ी आपत्ति’ जताते हुए इसे चुनाव प्रक्रिया को ‘विकृत’ करने वाला बताया है।
महापौर शेली ओबरॉय और आयुक्त गणेश भारती को सौंपी रिपोर्ट में एमसीडी सचिव ने कहा कि स्थायी समिति के छह सदस्यों को चुनने के लिए पर्याप्त संख्या में मतपत्र नहीं थे और यह अहम है कि मतदान दोबारा कराया जाए।
नगर निकाय सचिव ने अपने दावों के पीछे कई कारण बताते हुए कहा, ‘‘ चुनाव प्रक्रिया की शुचिता को बुरी तरह से भंग किया गया।’’
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उन्होंने रेखांकित किया कि केवल 245 मतपत्र ही थे जबकि प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कम से कम 250 मतपत्रों की जरूरत थी।
नए मतपत्र छपवाने के लिए समय की मांग करते हुए रिपोर्ट में उन्होंने कहा, ‘‘ यह रेखांकित किया जा सकता है कि पांरपरिक तौर पर 300 मतपत्रों के साथ चुनाव कराया जाता है क्योंकि संभावना रहती है कि कुछ मतपत्र क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।’’
रिपोर्ट में कहा गया कि बुधवार को स्थायी समिति के चुनाव के दौरान कुल 55 मतपत्र जारी किए गए, यह तय नहीं है कि कितने पार्षदों ने अपना मतपत्र मतपेटी में डाला। सचिव ने उल्लेख किया कि भाजपा पार्षदों के प्रदर्शन और मतदान करने वाले कुछ सदस्यों द्वारा मतदान बूथ में अपने मत की तस्वीर खींचने के आरोपों के बीच सदन को स्थगित कर दिया गया और मतपेटी को सुरक्षित स्थान पर हटा दिया गया, इसकी वजह से कुछ सदस्य जिन्होंने मतदान नहीं किया था मतपत्र अपने साथ ले गए।
दिल्ली भाजपा के नेताओं और पार्षदों ने भी नए सिरे से स्थायी समिति के सदस्यों के लिए मतदान कराने की मांग की है। भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने दावा किया कि कुल 55 मतपत्र जारी किए गए जिनमें से केवल 45 का ही इस्तेमाल हुआ और 10 का अब भी पता नहीं चला है।
निकाय सचिव ने कहा कि महापौर और उप महापौर के चुनाव के दौरान मतदान केंद्र पर किसी को भी मोबाइल फोन या कलम ले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा,‘‘ हालांकि, महापौर द्वारा स्थायी समिति के छह सदस्यों का चुनाव करने के दौरान मोबाइल फोन साथ ले जाने की अनुमति दी गई।’’
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भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया कि आप को अपने पार्षदों द्वारा‘क्रॉस वोटिंग’ करने का भय है इसलिए उसने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की अनुमति दी है ताकि वे अपने मत की तस्वीर ले सके।
वर्मा ने आरोप लगाया कि बुधवार को जिन आप पार्षदों ने मतदान किया उन्होंने मतपत्र की तस्वीर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह सहित पार्टी नेतृत्व को भेजी।