DN Exclusive महराजगंज: कुकुरमुत्तों की तरह फैले पैथोलॉजी केंद्र चूस रहे मरीजों का खून, कई अनियमितताएं उजागर

डीएन संवाददाता

डॉक्टर और मेडिकल पेशे से जुड़े हर प्रोफेशनल्स को भगवान का रूप माना जाता है, लेकिन यदि भगवान ही इंसानी जिंदगी के प्रति बेपरवाह हो तो उस पर से भी भरोसा उठना लाजमी है। जिले के पैथोलॉजी सेंटर्स पर भी जनता को ऐसे ही अनुभवों से गुजरना पड़ा रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ ने जब इन पैथ लैब्स की पड़ताल की तो कई धांधलिया उजागर हुई। एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते मुख्य चिकित्साधिकारी
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते मुख्य चिकित्साधिकारी


महराजगंज: जिले में कुकुरमुत्तों की तरह फैले पैथोलॉजी केंद्रों को लेकर जनता में भ्रम गहराता जा रहा है। जिले में इतनी बड़ी संख्या में बने पैथोलॉजी सेंटर्स को देखकर यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो रहा है कि कौन वैध और कौन अवैध? ऊपर से तुर्रा यह है कि हर कोई संचालक अपनी पैथ लैब को दूसरे की अपेक्षा 20 बताते हुए सबसे ज्यादा सुरक्षित और अत्याधुनिक होने का दावा कर रहा है। 

 

 

जिले में चलने वाले पैथ लैब के संचालन में कई तरह पेंच फंसे हुए है। जांच के नाम पर अधिकतर पैथ लैब मरीजों समेत जनता का खून चूस रहे है। इन केंद्रों द्वारा आये दिन जांच शिविर लगाये जाते है, जिसके नाम पर जमकर कमाई की जाती है। यह बात हर किसी के समझ से परे है कि एक समान जांच के लिये अधिकतर पैथ लैब की टेस्ट दरें अलग-अलग क्यों है?

 

 

कुछ पैथोलॉजी केंद्र तो ऐसे भी है, जो कुछ बड़े डॉक्टरों के रहमों-करम पर फल-फूल रहे है। दरअसल डॉक्टर्स जांच कराने के नाम पर मरीजों को इन पैथौलॉजी केंद्रों पर भेजते है, जिसकी ऐवज में पैथ लैब वाले डॉक्टरों को मोटी कमीशन देते है।

 

यह भी पढ़ें | महराजगंज: इलाज के नाम पर लूट का अड्डा बना जिला अस्पताल, सरकारी आवास पर इलाज कर रहे डॉक्टर..

   

क्या इन पैथोलॉजी केंद्रों में मरीज के खून की जांच पूर्ण रूप से सही होती है? यह भी बड़ी जांच का विषय है। 

इस मामले की तहकीकात करने के लिये जब डाइनामाइट न्यूज़ टीम पैथोलॉजी केंद्रों में पहुंची तो वहां कई तरह की अनियमितताएं और धांधली देखने को मिली। पहली ही नजर में यह साफ हो गया कि किस जांच में कितने रूपये लगने चाहिये, इसके लिये कोई निर्धारित मानक ही तय नहीं है। 

बिना रजिस्ट्रेशन व रिनिवल के चल रहे पैथोलॉजी

जिले के कुछ पैथोलॉजी सेंटर्स से जब उनके रजिस्ट्रेशन के बारे में बातचीत की गयी तो वे बगलें झांकने लगे। किसी ने जबाव दिया कि अभी तक उनका रिनिवल नहीं हुआ है, जबकि कुछ का जबाव था पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा कुछ ने प्रशासन के माथे इसका ठीकरा फोड़ा।

पैथोलॉजी  के मानक? 

दरअसल किसी पैथोलॉजी केंद्र के पंजीकरण के कुछ मानक सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित किये गये है। केवल उनका ही रजिस्ट्रेशन होता है, जो मुख्य रूप से निम्न मानकों को पूरा करते हों। 

एमसीआई से रजिस्टर्ड एमबीबीएस डॉक्टर
स्टेट मेडिकल फैकल्टी रजिस्टर्ड लैब टेक्नीशियन
अग्निशमन व प्रदूषण विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र
बायो मेडिकल वेस्ट इनवॉइस
स्प्रिट लेने के लिए एक्साइज ड्यूटी ऑफिसर से परमिशन 

यह भी पढ़ें | महराजगंज: मातम में बदली परिवार की खुशियां, जन्म लेते ही 'एलियन' ने छोड़ी धरती

मुख्य कमी 

मरीजों को रसीद नहीं देना
एलर्जी के नाम पर बड़ी धांधली

सीएमओ बोले.. 

इस बारे में मुख्य चिकित्साधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ से बताया कि वे लगातार छापेमारी कर रहे है। रजिस्ट्रेशन व रिनिवल का कार्य जारी है। अवैध तरीके से संचालित पैथोलॉजी मिली तो उसके खिलाफ़ कड़ी विधिक कार्यवाही की जायेगी।

पैथोलॉजी संघ के जिलाध्यक्ष बोले..

संघ के अध्यक्ष सीपी गुप्ता ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि रजिस्ट्रेशन की औपचारिकता पूरी की जा रही है। शीघ्र ही विभाग से रजिस्ट्रेशन हो जायेगा। संघ की बैठक होने वाला है। बैठक में मरीजों को पक्की रसीद देने का निर्णय लिया जायेगा और यथाशीघ्र रेट सूची भी सभी लैब पर लगा दी जाएगी।
 










संबंधित समाचार