महराजगंज जिले में टूटा महाव नाला, कई गांव जलमग्न, नेता क्षेत्र से गायब, इंजीनियरों-अफसरों के लूट की फिर खुली पोल

डीएन संवाददाता

महराजगंज जिले के नौतनवा तहसील के बरगदवां और परसामालिक इलाके में नाला टूटने से मंगलापुर, खैरटवा, शीशगढ़ और मोहनापुर समेत आधा दर्जन गाँव जलमग्न होने की कगार पर पहुंच गये हैं। इन गांवों में फसल पूरी तरह डूब चुकी है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर:



ठूठीबारी/बरगदवां/नौतनवा (महराजगंज): जब जनता संकट में आती है सांसद-विधायक सब गाय़ब हो जाते हैं। इन्हें जनता के दुख-दर्द से कोई मतलब नहीं होता। 

करोड़ों रुपयों बंधों की मरम्मत और रख-रखाव के लिए सिंचाई विभाग में आते हैं लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिये जाते हैं। कुच ऐसा ही हाल इस साल के बाढ़ में भी देखने को मिल रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक नौतनवा तहसील के बरगदवां और परसामालिक इलाके में बहने वाला महाव नाले का तटबंध आधा दर्जन स्थानों पर मंगलवार को टूट गया। 

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आधा दर्जन गांव जलमग्न होने की कगार पर हैं। पानी तेजी से गांव की ओर बढ़ रहा है। नेपाल के पहाड़ों और मैदानी इलाकों से हो रही भयंकर बारिश ने हाल औऱ भयावह कर दिया है। 

सोमवार की शाम से हो रही बारिश से तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ने लगा। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इलाके के अमहवा गांव के सामने पूर्वी तटबंध बिरई यादव के खेत के सामने करीब 15 मीटर, खैरहवा दुबे गांव में पश्चिम तटबंध दो स्थानों पर नुरुल होदा के बाग के सामने 50 मीटर और चंद्रशेखर सिंह के गन्ने के खेत के सामने 15 मीटर तथा विशुनपुरा गांव के सामने पश्चिम तटबंध में दोगहरा निवासी सफाद के खेत के सामने 25 मीटर तक टूट गया।

जून से बरसात का मौसम माना जाता है। बरसात के शुरुआती दिनों में तीन दिन की बारिश में बरगदवा का महाव नाला धराशायी हो गया। 

नाला टूटने से मंगलापुर, खैरटवा, शीशगढ़ और मोहनापुर समेत आधा दर्जन गाँव जलमग्न होने की कगार पर पहुंच गये हैं। इन गांवों में फसल पूरी तरह डूब चुकी है।

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ग्रामीणों में सांसद व विधायक के खिलाफ गहरी नाराजगी है।

पिछले वर्ष इसी महाव नाले पर भारतीय क्षेत्र से जंगल के अगल बगल तक 8 किलोमीटर में लगभग 89 लाख से ज्यादा का सिल्ट सफाई का काम हुआ था। अब ये सारा पैसा पानी में बह गया। 

बार्डर इलाके के कुछ ऐसे बँधे है जिनके मरम्मत पर हर वर्ष लाखों-करोड़ों खर्च होता है लेकिन वह बंधे पहली बारिश में टूट जाते हैं, जो भ्रष्टाचार के बड़े सिंडिकेट की तरफ इशारा कर रहे हैं। 
 










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