महराजगंज की बेटी ने लॉकडाउन में दिखाई प्रतिभा, बनाया इस काम में वर्ल्ड रिकॉर्ड

डीएन ब्यूरो

लॉकडाउन के दौरान हर किसी की कोई ना कोई प्रतिभा उजागर हो रही है। इसी दौरान महराजगंज की एक बेटी ने भी एक नायाब काम करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। जानिए, उनके कीर्तिमान को..

सर्टिफिकेट के साथ रितिका
सर्टिफिकेट के साथ रितिका


महराजगंजः लॉकडाउन के दौरान सभी लोगों को अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका मिला है। इस दौरान लोग तरह-तरह की कलाकारी दिखा रहे हैं। इसी बीच फरेंदा की रितिका ने विश्व रिकॉर्ड बना कर जिले का नाम रोशन किया है।

लॉकडाउन में रक्षा सूत्र से 18 भाषाओं में कलाकृति बनाकर फरेंदा कस्बे की निवासी रितिका सिंह ने इतिहास रचा है। उनके इस कृति को वर्ल्ड रिकार्ड इंडिया में दर्ज किया गया है और उन्हें संस्था द्वारा इसका सर्टिफिकेट भी प्रदान किया गया है। जानकारी के मुताबिक रितिका सिंह पुत्री राधेश्याम सिंह निवासी वार्ड नंबर आठ सिविल लाइंस आनंदनगर ने लॉकडाउन में लोका: समस्ता: सुखिनो: भवंतु के ध्येय वाक्य पर  पर काम किया। 

रितिका

उन्होंने रक्षा सूत्र, हल्दी, कुमकुम, चंदन, बिंदी और खाद्य रंग का इस्तेमाल करके 20 मीटर पीले रंग से कपड़े पर 1400 मीटर मौली कुंडली डिजाइन से 18 भाषाओं में लोका: समस्ता: सुखिनो: भवंतु लिखा। 23 मई को उन्होंने सारे कलाकृति, वीडियो आदि को वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया को भेज दिया। बाद में वर्ल्ड रिकॉर्ड इंडिया ने उन्हें सर्टिफिकेट जारी किया है। 

रितिका सिंह ने बताया कि वह लॉकडाऊन के दौरान कलाकृति के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक कर रही थी। उनके गुरु डाक्टर जगदीश पिल्लई से उन्हें कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिली है। उन्होंने बताया कि उनके गुरु चार बार अपना नाम गिनीज वर्ल्ड बुक में दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी, अंग्रेजी, भोजपुरी, गुजराती, श्रीलंका, अरबी, उर्दू सहित अन्य भाषाओं में  कलाकृति बनाई है। उनकी इस उपलब्धि पर स्थानीय लोगों ने हर्ष जताया है।










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