सिंचाई विभाग के करोड़ों की जमीन पर कब्जा, खड़ी हो गई दुकान व मकान, जिम्मेदार मौन

डीएन ब्यूरो

जिले में सिंचाई विभाग की करोड़ों रूपये की जमीन है, लेकिन नहर किनारे खाली पड़ी जमीनों पर दूसरे ने कब्जा कर धड़ल्ले से मकान व दुकान खड़ा कर लिया है। जबकि विभाग के जिम्मेदार करीब 270 लोगों को नोटिस भेजकर जमीनों को खाली कराने का एल्टीमेंटम दिया हैं | पर उनका आदेश अतिक्रमणकारियों पर बेअसर सबित हो रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िये पूरी खबर

सिंचाई विभाग कार्यालय
सिंचाई विभाग कार्यालय


महराजगंजः सिंचाई विभाग के नाम जिले में करोड़ों रूपये की जमीन है। नहर किनारे खाली पड़ी जमीनों पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। नहर के पटरियों पर कोई तेजी से मकान का निर्माण करा रहा है, तो कईयों ने वर्षों से पक्का निर्माण कराकर मलाई काट रहे है। बहुत से ऐसे भी हैं। जो पक्का दुकान बनाकर दूसरे से भाड़ा वसूल रहे है। जबकि सिंचाई विभाग के जिम्मेदार इस जमीनों को खाली कराने के लिए 270 लोगों को नोटिस भेजा है, पर उनका आदेश अतिक्रमणकारियों पर बेअसर सबित हो रहा है। 

सिंन्दुरियों में खड़ा हो गई हैं पक्का सैकड़ों मकानें 
सिन्दुरिया चैराहा के उत्तर तरफ सड़क व नहर के बीच में सभी जमीनों सिंचाई विभाग के नाम से दर्ज है। इन करोड़ों रूपये की जमीन पर पक्का व कच्चा मकान बनाकर दुकानें चल रही है। आलम यह है कि इन दुकानों को कई बार सिंचाई विभाग ने नोटिस भेजकर उसे खाली कराने की कोशिश की जाती है, लेकिन दूसरे दिन ही वहां फिर से मकानें व दुकानें खड़ी हो जाती है। लोगों का कहना है कि यह दुकानें विभागीय जिम्मेदारों के मिलीभगत से बनी है। 

शिकारपुर नहर की पटरी पर भी दूसरे का कब्जा 
शिकारपुर चैराहे के आसपास नहर की पटरियों पर तमाम लोगों ने पक्का निर्माण कराकर दुकानें खोल लिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इसके लिए सिंचाई विभाग जिम्मेदार है। जबकि सिंचाई विभाग इन दुकानदारों के खिलाफ कई बार नोटिस भेजकर कब्जा को हटाने की कोशिश की है, लेकिन आज भी जिम्मेदारों की नोटिस अतिक्रमणकारियों के लिए ढाक के तीन पात साबित हो रहा है। 

क्या बोले जिम्मेदार 
डीआरओ ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि सिंन्दुरिया व शिकारपुर चैराहे के आसपास नहर के पटरियों पर कब्जा किए लोगों को हटाने के लिए तकरीबन 270 लोगों के खिलाफ नोटिस भेजा गया है।  अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाने की तैयारी है। नहर विभाग के जमीन पर किसी को भी कब्जा नहीं करने दिया जाएगा।










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