Gallantt IT Raid: गैंलेंट ग्रुप के कारोबार का काला मॉडल कैसे होता है संचालित? मालिकों ने क्यों खोले नौकरों के बेनामी बैंक लॉकर्स? पढ़िये ये चौंकाने वाले खुलासे

डीएन ब्यूरो

देश के कई राज्यों में फैले गोरखपुर के गैलेंट ग्रुप के कई ठिकानों पर आयकर विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद लगातार कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। गैंलेंट ग्रुप ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिये नौकरों के नाम पर बेनामी बैंक लॉकर्स खोले थे। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये गैलेंट ग्रुप के काले कारोबार से जुड़े बड़े खुलासे

गैंलेंट ग्रुप के खिलाफ आयकर की छापेमारी में कई खुलासे
गैंलेंट ग्रुप के खिलाफ आयकर की छापेमारी में कई खुलासे


नई दिल्ली/लखनऊ /अहमदाबाद/गोरखपुर: देश भर में फैले गैलेंट इस्पात और गैलेंट ग्रुप ऑफ इंजस्ट्रीज के कई ठिकानों पर आयकर विभाग की तीन दिन की ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद कई तरह के चौंकाने वाले खुलासे हो रहे है। गैलेंट ग्रुप आखिर अपनी काली कमाई को कैसे ठिकाने लगाता था, आईटी की छापेमारी में इसका भी राजफाश हुआ है। अब तक के खुलासों से यह साफ हो गया है कि गैलेंट ग्रुप का काला साम्राज्य जितना बड़ा है, काली कमाई की उसकी जड़ें भी उतनी ही गहराई तक फैली हुई है। गैलेंट ग्रुप के कारोबार का जो काला मॉडल सामने आया है, उसे लेकर कई अब लोग आयकर विभाग के निशाने पर आ गये हैं। 

कैसे काली कमाई को ठिकाने लगाता है गैलेंट? 
सरिया निर्माण से शुरू हुए गैलेंट ग्रुप के विस्तार की कहानी के अब कई काले अध्याय खुल चुके है। आयकर विभाग को छापेमारी के तीसरे दिन इस सवाल का जवाब भी मिल गया कि आखिर गैलेंट ग्रुप कैसे अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाता था? 

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नौकरों के नाम पर बेनामी बैंक लॉकर्स
डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक गैलेंट ग्रुप और उसके मालिकों ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिये अपने नौकरों और कर्मचारियों के नाम पर भी बेनामी बैंक लॉकर्स खोले थे। आईटी टीम को गैलेंट ग्रुप के नौकरों के नाम इस तरह के 10 लॉकर्स मिले हैं, जिनमें करोड़ों रुपये के जेवरात और कई अहम दस्तावेज बरामद किये गये। इनमें अधिकतर लॉकर्स गोरखपुर के बैंकों में हैं।

काले धन को खपाने का तरीका
डाइनामाइट न्यूज़ के लखनऊ संवाददाता के मुताबिक गैलेंट ग्रुप सरिया निर्माण के कारोबार के समानांतर कई ऐसे धंधों और लेन देने में भी लिप्त पाया गया, जो इस समूह को या तो प्रत्यक्ष संरक्षण देते थे या इसकी काली कमाई को खपाने में मुखौटे कंपनियों का काम करते थे। लखनऊ के महानगर इलाके में स्थित शालीमार गैलेंट प्रोजेक्ट भी एक ऐसा ही उपक्रम है। आयकर विभाग के हाथ इसके दस्तावेज लगे है, जिनकी गहनता से जांच की जा रही है। शालीमार गैलेंट प्रोजेक्ट के अलावा आयकर विभाग को 250 से अधिक संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिनका लिंक गैलेंट ग्रुप से है। इन सभी की भी जांच जारी है।

गैलेंट की बेनामी संपत्तियों में ब्यूरोक्रेट्स का निवेश 
इससे पहले डाइनामाइट न्यूज़ इस बात का भी खुलासा कर चुका है कि गैलेंट समूह के रियल इस्टेट कारोबार की बेनामी संपत्तियों में यूपी के कई चर्चित ब्यूरोक्रेट्स और सफेदपोश लोगों के पैसे लगे होने के भी सबूत भी आयकर विभाग के हाथ लग चुके है। WhastsApp चैट में कई सफेदपोशों के नोटों के नंबर की डिटेल्स मिली है। जिसे कोड बना हवाला के जरिये अवैध पैसों का लेन-देन किया गया। 

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आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर डाइनामाइट न्यूज़ ने गैलेंट समूह के संचालकों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन उनका पक्ष सामने नहीं आ सका।

आधिकारिक बयान आना बाकी
आयकर विभाग को अब तक की छापेमारी में क्या-क्या हासिल हुआ इस बारे में विभाग का आधिकारिक बयान आना बाकी है। उम्मीद की जा रही है कि जब छापेमारी की कार्यवाही पूरी हो जायेगी तब विभाग आधिकारिक बयान जारी कर सकता है।










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