Dynamite Alert: एक और एनकाउंटर पर उठे सवाल, देखिये पुलिसिया थ्योरी की पूरी सच्चाई

डीएन ब्यूरो

सुल्तानपुर लूटकांड के बाद मंगेश यादव के एनकाउंटर पर उठे सवालो के बीच यूपी पुलिस ने इसी लूटकांड से जुड़े एक और अपराधी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इस बार उन्नाव से पुलिस एनकाउंटर की खबर आई। डाइनामाइट अलर्ट के इस एपीसोड में देखिये एनकाउंटर की अनसुनी कहानी और पुलिसिया थ्योरी की पूरी सच्चाई



उत्तर प्रदेश: यूपी (Uttar Pradesh) में पुलिस (police) और एनकाउंटर (Encounter) इन दिनों एक-दूसरे के पर्याय बन गये हैं। सात साल पहले यूपी की सत्ता संभालते ही सीएम योगी (CM Yogi) ने अपराधियों (Criminals) के खात्मे के लिये पुलिस और एसटीएफ (STF) को खुली छूट दी। मुख्यमंत्री के इस फैसले पर उठते सवालों और विवादों के बीच यूपी पुलिस (UP Police) ने एक के बाद एक कई एनकाउंटर भी किये। तब लगा कि यूपी से अपराध और अपराधियों की हमेशा के लिये छुट्टी हो जायेगी लेकिन सात सालों बाद भी एनकाउंटर का सिलसिला नहीं थम सका, जो साफ करता है कि यूपी में अपराध और अपराधी पहले की तरह की सक्रिय है। वरना पुलिस को एनकाउंटर की जरूरत नहीं पड़ती। 

यूपी पुलिस ने इस बीच ऐसे कई एनकाउंटर किये, जिससे सरकार, उसका फैसला, पुलिसिया कार्यप्रणाली और खाकी कटघरे में खड़ी हुई। कई मामले कोर्ट की दहलीज तक पहुंचे और कुछ एनकाउंटर कानून की कसौटी पर खरे नहीं पाये गये। लिहाजा, यूपी में एनकाउंटर को लेकर जितने मुंह उतनी बातें अब भी होती रहती हैं और हर एनकाउंटर सियासत को भी गरमाता जाता है। जातिवाद की धारणा पहले राजनीतिक मायनों में इस्तेमाल होती थी लेकिन हाल के दिनों में यूपी के एनकाउंटर को जातिवाद से जोड़ा गया, जिसके बाद एक नई सियसी बहस ने जन्म लिया। 

डाइनामाइट अलर्ट (Dynamite Alert) के इस एपिसोड में हम आपको यूपी के एक ऐसे ही ताजा एनकाउंटर के बारे में बता रहे हैं, जिससे यूपी की सियासत गरमाई हुई और कई सवाल उठ रहे हैं। पुलिसिया दावे और प्रतिदावे भी चर्चा में हैं।

सुल्तानपुर लूटकांड

सुल्तानपुर ज्वैलर्स शॉप लूटकांड के बाद मंगेश यादव के एनकाउंटर पर उठे सवालो के बीच यूपी पुलिस ने इसी लूटकांड से जुड़े एक और अपराधी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। इस बार उन्नाव से पुलिस एनकाउंटर की खबर आई। यहां पुलिस मुठभेड़ में अनुज प्रताप सिंह की मौत हो गई। एनकाउंटर के दौरान पुलिस की गोली लगने से घायल अनुज ने अस्पताल  में दम तोड़ा जबकि उसका एक साथी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।

जैसी ही इस एनकाउंटर की खबर फैली और पूरी जानकारी सबके सामने आई तो मामला गरमा गया। पुलिस ने जिसे एनकाउंटर में मार गिराया था, वो सुल्तानपुर लूटकांड का आरोपी अनुज प्रताप सिंह था। 

उन्नाव में अनुज प्रताप सिंह का एनकाउंटर

उन्नाव में हुए इस एनकाउंटर की जो कहानी पुलिस ने बतायी, उसके अनुसार पुलिस ने अचलगंज थाना इलाके में अमेठी के जनापुर गांव निवासी अनुज और उसके साथी को घेर लिया था। पुलिस ने अनुज और उसके साथी को सरेंडर करने को कहा, लेकिन आरोपी अनुज प्रताप सिंह ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। इसके बाद यूपी STF की तरफ से भी जवाबी फायरिंग हुई, अनुज प्रताप सिंह एसटीएफ की गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस अनुज को अपनी गिरफ्त में लेने की कोशिश कर रही थी और इसी बीच अनुज का साथी चकमा देकर भाग निकला। घायल अनुज को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

मृतक बदमाश अनुज प्रताप सिंह अमेठी के जनापुर गांव का रहने वाला था। आरोप है कि अनुज सुल्तानपुर में ज्वैलर्स शॉप पर हुए लूटकांड में शामिल था और तभी से पुलिस को अनुज की तलाश थी।

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उन्नाव के एसपी दीपक भूकर बताते हैं कि अनुज प्रताप सिंह ने STF के सिपाही पर फायर झोंका था। गोली हेड कांस्टेबल की बुलेट प्रूफ जैकेट में लगी थी, जिससे हेड कांस्टेबल रवि वर्मा बाल बाल बचा। 

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मौके से दो पिस्टल, 7 खोखे और 3 जिंदा कारतूस बरामद किए गए। एक बैग भी मिला, जिसमें चांदी के जेवरात थे। खबर है कि अनुज चांदी बैचने के लिए ही उन्नाव आया था, जिसकी सूचना पुलिस को लग गई।

डकैती की वीडियो में दिखा था अनुज

सुल्तानपुर डकैती का जो वीडियो पुलिस ने जारी किया था, उसमें दिखाई दे रहा है कि दुकान के अंदर सबसे पहले अनुज प्रताप सिंह ही घुसा था। उसी ने सबसे पहले दुकान के अंदर बैठे दुकानदार भरत सोनी और उसके बेटे को पिस्तौल तानकर धमकाया था। अनुज के बाद ही गैंग के बाकी चार साथी अंदर घुसे थे। अनुज प्रताप सिंह गैंग सरगना विपिन सिंह का सबसे करीबी था। गुजरात में पड़ी डकैती में भी विपिन सिंह के साथ अनुज प्रताप सिंह शामिल था।

पहले हुए थे दो एनकाउंटर 

इससे पहले सुल्तानपुर लूटकांड के दो और आरोपियों के साथ एसटीएफ की मुठभेड़ हुई थी। इनमें एक आरोपी मंगेश यादव की मौत हो गई थी, जबकि दूसरे आरोपी अजय यादव के पैर में गोली लगी थी, जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

मंगेश एनकाउंटर पर भी उठे थे सवाल 

बीते पांच सितंबर को डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव की एसटीएफ से मुठभेड़ के बाद मौत हो गई थी। पुलिस ने ये एनकाउंटर सुल्तानपुर के ही देहात कोतवाली के हनुमानगंज बाईपास पर किया था। आरोपी फरार चल रहा था और उस पर पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। जौनपुर के बक्श थाना इलाके का रहने वाले मंगेश यादव ने पुलिस पर पहली गोली चलाई थी, जिसके बाद पुलिस ने बचाव में गोली चलाई। पुलिस ने मौके से एक पिस्टल 32 बोर व कारतूस, तमंचा 315 बोर, एक बाइक और लूट से संबंधित जेवरात भी बरामद किए हैं। मंगेश यादव पर पहले से दर्जनों केस दर्ज थे। 

अबतक 3 का एनकाउंटर, 5 गिरफ्तार 

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सुल्तानपुर ज्वैलरी शॉप डकैती के मामले में पुलिस ने अब तक 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जबकि 3 बदमाशों का एनकाउंटर किया गया है, जिसमें से दो आरोपी मंगेश यादव और अब अनुज प्रताप सिंह एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं। एक घायल है जबकि लूटकांड के मास्टरमाइंड विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट से सरेंडर कर दिया, जो अब पुलिस कस्टडी में हैं। विपिन सिंह से पूछताछ के आधार पर ही डकैती से जुड़ी कई गुत्थियां सुलझी और पुलिस ने लूट का माल बरामद दिया।

अनुज के परिवार ने उठाये सवाल 

एनकाउंटर के बाद अनुज सिंह के पिता और बहन ने पुलिस के इस एनकाउंटर पर सवाल खड़े किये हैं। अनुज सिंह के पिता ने कहा मेरे बेटे पर केवल एक ही मुकदमा दर्ज था, और पुलिस ने उसका सीधा एनकाउंटर कर दिया, जबकि 35-40 मुकदमे दर्ज बदमाश प्रदेश में खुलेआम घूम रहे हैं।

वहीं, अनुज की बहन ने कहा कि मेरा भाई राजनीति का शिकार हो गया। इसकी जांच की जाए, ताकि फिर किसी के साथ ऐसा ना हो। पुलिस ज्यादा मुकदमे वालों का एनकाउंटर नहीं कर रही। 

उधर, स्थानीय लोगों ने बताया कि अनुज के पिता धर्मराज सिंह पेशे से किसान हैं। अनुज प्रताप उनका सबसे बड़ा बेटा था। इसके बाद एक बेटी है जो बीएससी की पढ़ाई कर रही है और एक बेटा है जो 11वीं में पढ़ रहा है। धर्मराज के मुताबिक, साल 2023 में अनुज ने अमेठी के तिलोई से बीए की पढ़ाई पूरी की थी। जून 2024 को अनुज एक केस के सिलसिले में सूरत (गुजरात) गया था, वह तब से घर नहीं लौटा।

28 अगस्त को सुल्तानपुर शहर में कोतवाली क्षेत्र के ठठेरी बाजार स्थित एक सर्राफा व्यवसायी की दुकान से करीब डेढ़ करोड़ रुपये के गहने लूटे गए थे। दिनदहाड़े हुई लूट की घटना का मास्टरमाइंड विपिन सिंह बताया जाता है, जिसने घटना के बाद सरेंडर कर दिया था। 

सुल्तानपुर में ज्वैलरी शॉप के सभी आरोपियों पर पुलिस द्वारा एक-एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। गिरफ्तार आरोपियों में अरविंद यादव, दुर्गेश सिंह, विवेक सिंह, अजय यादव और विपिन सिंह शामिल हैं। 

बदमाशों के पास से ज्वैलरी शॉप से लूटा गया 2 किलो 700 ग्राम हीरे जड़ित सोने के जेवरात बरामद किये गए हैं। 28 अगस्त को हुई डकैती के दौरान बदमाशों ने जिस बोलेरो गाड़ी को बैकअप में रखा था वो बोलेरो भी बरामद  हुई है। बोलेरो का मालिक त्रिभुवन कोरी को पहले ही एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया जा चुका है। 

यूपी में लगातार हो रहे एनकाउंटर्स को लेकर कई तरह के विवाद और चर्चाएं जारी है। एनकाउटरों की बढ़ती संख्या के साथ पुलिसिंग, लॉ एंड ऑर्डर, मानवाधिकार, सामाजिक न्याय और सुरक्षा जैसे मामलों की फेहरिस्त भी बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि अपराध और अपराधी जो कोई भी हो, एनकाउंटर में उसके ढ़ेर होने से क्या न्याय हो पायेगा और यदि पुलिस व सरकारें मुठभेड़ में किसी कथित अपराधी के मारे जाने को न्याय समझती है और इसे अपराध का सफाया होना बताती है तो ऐसे में हमारी अदालतें और कानून क्या करेंगे। पुलिस और सरकारों को इस सवाल का जवाब आज नहीं तो कल जरूर देना पड़ेगा।










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