नगरपालिका अधिनियम रद्द करने के खिलाफ महिला संगठनों का प्रदर्शन, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

नगालैंड नगरपालिका अधिनियम 2001 को निरस्त करने के फैसले का विरोध करते हुए राज्य के प्रमुख महिला संगठनों ने सरकार से सवाल किया कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनसे सलाह क्यों नहीं ली गई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

महिला संगठनों का प्रदर्शन
महिला संगठनों का प्रदर्शन


कोहिमा: नगालैंड नगरपालिका अधिनियम 2001 को निरस्त करने के फैसले का विरोध करते हुए राज्य के प्रमुख महिला संगठनों ने सरकार से सवाल किया कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर उनसे सलाह क्यों नहीं ली गई।

इस कानून के तहत नगर निकायों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कोहिमा में नगालैंड विश्वविद्यालय में ‘नगा मदर्स एसोसिएशन’ (एनएमए) द्वारा इस मुद्दे पर एक सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें कई महिला संगठनों ने हिस्सा लिया।

एनएमए की ओर से बृहस्पतिवार को कार्यक्रम के बाद जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘ नगा महिलाओं को अधिनियम को निरस्त करने के निर्णय पर आपत्ति है और इस बात पर भी आपत्ति है कि बिना महिलाओं के परामर्श के यह कदम उठाया गया।’’

बयान में कहा गया कि राज्य की दो महिला विधायक विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान चुप रहीं।

गौरतलब है कि नगालैंड विधानसभा ने दो दशकों के बाद 16 मई को होने वाले चुनाव न कराने का संकल्प करते हुए मंगलवार को नगरपालिका अधिनियम को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया था।

विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद बृहस्पतिवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने ‘‘अगले आदेश तक’’ चुनाव रद्द कर दिए थे।

आदिवासी संगठन नगरपालिका अधिनियम के खिलाफ थे क्योंकि इसमें महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट का आरक्षण और भूमि तथा भवनों पर कर लगाने का प्रावधान था।










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