किसान आंदोलन में शामिल संत बाबा राम सिंह ने की आत्महत्या, खुद को मारी गोली, छोड़ा ये सुसाइड नोट

डीएन ब्यूरो

कृषि कानूनों के खिलाफ बुधवार को किसानों के 21वें दिन के आंदोलन के बीच एक बेहद बुरी खबर आई। सिंघु बॉर्डर पर संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर मौत को गले लगा लिया। डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान
गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान


नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के जारी आंदोलन के दौरान बुधवार को संत बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मार दी। गोली लगने से बुरी तरह घायल अवस्था में बाबा राम सिंह को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। आत्महत्या कर से पहले संत बाबा राम सिंह ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है।

संत बाबा राम सिंह (फाइल फोटो)

यह घटना दिल्ली-हरियाणा (सिंघु बार्डर) बॉर्डर के पास हुई है। कहा जा रहा है कि संत बाबा राम सिंह किसानों पर सरकार के रवैये से आहत थे। वे पिछले काफी दिनों से दिल्ली के पास हो रहे किसान आंदोलन में शामिल थे। उन्होंने एक शिविर की भी व्यवस्था की थी और आंदोलन में शामिल किसानों के लिये कंबलें भी बांटी थी।

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सुसाइड नोट में बाबा राम सिंह ने लिखा है कि वे किसानों की हालत नहीं देख सकते हैं। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार विरोध को लेकर कोई ध्यान नहीं दे रही है, इसलिए वे किसानों, बच्चों और महिलाओं को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि किसानों का दुख देखा देखा नहीं जाता। वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। बहुत दिल दुखा है। सरकार न्याय नहीं दे रही, जो जुल्म है। जुल्म करना पाप है,जुल्म सहना भी पाप है।

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बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। संत बाबा राम सिंह किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे।










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