CM योगी का फैसला: सरकारी खर्चों को कम करने के लिए उठाए बड़े कदम

डीएन ब्यूरो

योगी सरकार ने खर्चों को कम करने के लिए 9 अहम फैसले लिए हैं। वित्त विभाग ने इस बारे में आदेश जारी कर दिया है। सभी विभागों के प्रमुख सचिव को चिट्ठी भेज दी गई है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)


लखनऊः अपना खर्च घटाने के लिए यूपी की योगी सरकार ने कई बड़े फ़ैसले किए हैं। लॉकडाउन के चक्कर में सरकार की आमदनी बहुत कम हो गई है। इस संकट से पार पाने के लिए इस साल कोई नई गाड़ी नहीं ख़रीदी जाएगी। कोई नई भर्ती न करने का फ़ैसला किया गया है। ये भी तय हुआ है कि कोई नया निर्माण कार्य न शुरू किया जाए। जब तक ऐसा करना ज़रूरी न हो। नई योजना शुरू करने से बचा जाएगा।

नई तकनीक के कारण कई पद अब बेकार हो गए हैं। सरकार अब ऐसे पदों को ख़त्म करने का मन बना चुकी है। अब बदले हालात में अधिकतर मीटिंग वीडियो कांफ्रेंस से होंगे। आगे से कोई भी अधिकारी बिज़नेस क्लास में सफ़र नहीं करेगा। सिर्फ़ इकॉनॉमी क्लास में यात्रा की छूट मिलेगी।

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यूपी सरकार आर्थिक संकट में है। मामला आमदनी अठन्नी और ख़र्चा रूपया वाला हो गया है। अप्रैल के महीने में तय राजस्व का सिर्फ़ 3% का ही जुगाड़ हो पाया है। 18.5 लाख करोड़ रूपये आमदनी का लक्ष्य था। लेकिन मिला सिर्फ़ 2294 करोड़ रूपये। ऐसे में मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने खर्च को कम करने का आदेश दिया है। ऊपर से कोरोना वायरस से निपटने के लिए भी खर्च बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग के लिए पैसा जुटाने में ही सरकार के पसीने छूट रहे हैं। यूपी सरकार ने खर्च कम करने के लिए 9 फ़ैसले किए हैं।

1. केंद्र सरकार कई योजनाएं चलाती है। इसमें राज्य सरकार को भी अपना शेयर देना पड़ता है। ये तय हुआ है कि अब ये पैसा एकमुश्त नहीं बल्कि किस्तों में दी जाएगी।

2. यूपी सरकार भी कई कल्याणकारी योजना चला रही है. फ़ैसला हुआ है कि कोई नई स्कीम अब नहीं शुरू की जाएगी. ये भी आदेश दिया गया है कि ग़ैर ज़रूरी योजना अभी के लिए स्थगित कर दी जाए।

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3. नया कोई निर्माण शुरू न करने पर सहमति बनी है। ज़रूरी होने पर ही नया निर्माण होगा। जो काम चल रहा है सिर्फ़ उसे ही पूरा करने में बजट खर्च होगा।

4. कोरोना के अटैक के बाद से ऑफिसों में काम काज का तरीक़ा बदल गया है। नई तकनीक के कारण कुछ पद बेकार या फिर अप्रासंगिक हो गए हैं. ऐसे पदों को ख़त्म करने का निर्णय हुआ है। ज़रूरी हुआ तो ऐसे लोगों को किसी दूसरे विभाग में समायोजित किया जा सकता है। कोई नई भर्ती नहीं की जाएगी।

5. कई विभागों में अस्थायी तौर पर सलाहकार, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य बनाए गए हैं। सरकार की तरफ़ से इन्हें सचिव से लेकर चपरासी तक दिया जाता है। ये तय हुआ है कि अब ऐसे लोग आउट सोर्सिंग से लिए जायें।

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6. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को कई तरह के भत्ते दिए जाते हैं। अवकाश यात्रा सुविधा, यात्रा भत्ता,ट्रांसफ़र यात्रा खर्च। इन सब को कम करने को कहा गया है। स्टेशनरी ख़रीद में 25 % खर्च कम करने का आदेश है। ये कहा गया है कि सरकार के अलग अलग विभागों के प्रचार और प्रसार का खर्च भी 25 प्रतिशत कम हो।

7. यूपी सरकार ने कोई नई गाड़ी न ख़रीदने का फ़ैसला किया है। ज़रूरत पड़ने पर कांट्रेक्टर पर गाड़ी किराए पर ली जाएगी।

8. अब अधिकतर बैठकें वीडियो कान्फ्रेंस से होंगी। अधिकारियों के बिज़नेस क्लास से हवाई यात्रा पर रोक लगा दी गई है। ज़रूरत पड़ने पर इकॉनॉमी क्लास से सफ़र कर सकते हैं।

9. अब इस वित्तीय वर्ष में कोई भी सरकारी सम्मेलन, सेमिनार या फिर वर्कशॉप होटलों में नहीं आयोजित किए जायेंगे।










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