महराजगंज: विकास की रफ्तार पर ब्रेक, पंचायती राज विभाग के एक बाबू पर सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी

डीएन संवाददाता

महराजगंज में ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन पर बड़ा ब्रेक लगता दिख रहा है। यहां पंचायती राज विभाग कार्यालय में सिर्फ एक बाबू है और पर ही सभी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर

यावर अब्बास, डीपीआरओ, महाराजगंज
यावर अब्बास, डीपीआरओ, महाराजगंज


महराजगंजः जिले के 882 ग्राम पंचायतों में चल रहे 207 विकास कार्यक्रमों का लेखाजोखा रखने के लिए जहां मात्र एक बाबू है वहीं 102 ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी के सापेक्ष ग्राम पंचायतों में मा़त्र 48 ग्राम सचिव ही तैनात किए गए है।। ऐसे में आनलाइन विकास की परिकल्पना करना हर किसी के लिए बेमानी साबित हो रही है। 

कार्यालय में एक बाबू पर सभी कार्यों का दारोमदार 
जिला पंचायत राज विभाग कार्यालय में सिर्फ एक बाबू जगदीश प्रसाद यादव की तैनाती हुई है। जबकि इनके अलावा इस कार्यालय में कार्य करने वाले या तो सफाई कर्मी हैं अथवा संविदा कर्मी। सरकार द्वारा इस कार्यालय में अभी तक किसी दूसरे लिपिक की तैनाती नहीं हो सकी है। 

102 पदों के सापेक्ष मात्र 48 सचिवों की तैनाती 
जिले में 882 ग्राम पंचायत है। इन सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवों के लिए 102 पद है। लेकिन यहां महज 48 ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी की ही तैनाती हुई है। एक सचिव को 8 से 10 ग्राम पंचायतों के विकास की जिम्मेदारी है। कर्मचारी कम और कार्य अधिक होने से विकास योजनाओं का लाभ हर किसी तक कैसे पहुंचेगा, यह बड़ा सवाल है। 

पंचायत सहायकों के इस्तीफे से प्रभावित हुआ काम 
जिले के 882 ग्राम पंचायतों के ग्राम पंचायत कर्मचारियों द्वारा नौकरी से इस्तीफा दिए जाने से गांवों में विकास कार्य पर पूरा असर पड़ा है। न तो इन गांवों में आयुष्मान कार्ड बन रहे है और न ही किसी की पेंशन। लाभार्थियों व योजनाओं का डाटा फीडिंग न होने से जिला पंचायत राज विभाग के जिम्मेदारों के सामने कड़ी चुनौती बन गई है। 

इन कर्मियों से कराये जा रहे सभी कार्य 
डीपीआरओ यावर अब्बास ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि मौजूदा कर्मचारियों से ही 882 ग्राम पंचायतों में सभी कार्य कराए जा रहे है। कर्मचारियों की कमी से थोड़ी-बड़ी दिक्कत जरूर सामने आई है।










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