पितृपक्ष में आपकी यह गलती पूर्वजों को कर देगी नाराज
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में हम आपको पितृपक्ष के बारे में कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे हैं जिसका इस दौरान खास ध्यान रखना चाहिये वरना आप के पूर्वज आपसे नाराज हो सकते हैं।
नई दिल्ली: पूर्वजों को मुक्ति देने वाले पितृ पक्ष शुरू हो गया है। इस बार 15 दिन तक चलने वाला पितृ पक्ष 6 सितंबर को श्राद्ध से शुरू होकर 20 सितंबर सर्वपितृ अमावस्या तक चलेंगे।
यह भी पढ़ें: पितृपक्ष में तर्पण से पूर्वजों को मिलता है मोक्ष
यह भी पढ़ें |
पितृपक्ष में तर्पण से पूर्वजों को मिलता है मोक्ष
पितृ पक्ष के दौरान हिन्दू अपने पितरों को श्रद्धाजंलि देते हैं। वे अपने पितरों को याद करते हुए खाना अर्पित करते हैं। जल अर्पण कर श्राद्ध और पिंडदान आदि करते हैं। पितृ भद्रापद महीने में अनंत चतुर्दशी के बाद आते हैं।
यह भी पढ़ें: इस तालाब के कछुओं को पनीर खिलाकर दूर करें राहु-केतु का दोष
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में हम आपको पितृपक्ष के बारे में कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे है जिसका इस दौरान खास ध्यान रखना चाहिये वरना आप पितृ-दोष का शिकार बन सकते हैं।
1. पितृ पक्ष के दौरान आपके द्वार पर आने वाले किसी भी अतिथि का अनादर ना करें। इन 16 दिनों में हो सकता है आपके पितर कोई रूप धारण कर आपके द्वार पर खड़े हो जाएं। इसलिए इस दौरान किसी भी भिक्षुक, अतिथि या किसी भी आगंतुक का अनादर ना करें।
2. पितृ पक्ष में पशु पक्षियों को अन्न-जल देने से विशेष लाभ होता है। इन्हें भोजन देने से पितृगण संतुष्ट होते हैं। साथ किसी भी जीव-जंतु को परेशान ना करें नहीं तो आपके पितृजन आपसे नाराज हो सकते हैं।
3. पितृ पक्ष के दौरान चना, मसूर, सरसों का साग, सत्तू, जीरा, मूली, काला नमक, लौकी, खीरा एवं बांसी भोजन नहीं खाना चाहिए।
4. पितृ पक्ष के दौरान चना, मसूर, सरसों का साग, सत्तू, जीरा, मूली, काला नमक, लौकी, खीरा एवं बांसी भोजन नहीं खाना चाहिए।
यह भी पढ़ें |
पितृ पक्ष-2018: श्राद्ध से जुड़ी हर वो विधि जो जरूर आएगी आपके काम