Pitru Paksha 2022: पितृ पक्ष अमावस्या होती है बेहद खास, जानिये इसका महत्व और तिथि

पितृ पक्ष अमावस्या का बहुत महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूर्वज विदा होकर चले जाते हैं। पितृ पक्ष अमावस्या का महत्व जानने के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 September 2022, 12:33 PM IST
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नई दिल्ली: पितृ पक्ष अमावस्या इस बार 25 सितंबर को है। पितृ पक्ष अमावस्या का बहुत महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि पूर्वज जो 15 दिन पितृ पक्ष के दौरान पृथ्वी पर आते हैं और वे अमावस्या के दिन विदा होकर चले जाते हैं। यही वजह है कि पितृ पक्ष अमावस्या के दिन लोग विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके अपने पूर्वजों को विदा करते हैं।

हिन्दू पंचांग के मुताबिक इस साल पितृ पक्ष की अमावस्‍या इस बार 25  सितंबर को मानी गई है। अमावस्या तिथि की शुरुआत 25 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 12 मिनट से होगी और इसका समापन 26 सितंबर 2022 को सुबह 03 बजकर 23 मिनट पर होगा।

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अलग-अलग हैं नाम

पितृ पक्ष अमावस्या को कुछ जगहों पर महालया या सर्व पितृ अमावस्‍या के नाम से भी जाना जाता है। महालया का मूल अर्थ कुल देवी-देवता व पितरों का आवाहन है। महालय अमावस्या इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे सरमा पितृ अमावस्या श्राद्ध भी कहा जाता है। इसका अर्थ है कि हिंदुओं को उन सभी पूर्वजों का श्राद्ध करने का अवसर मिलता है जिनके लिए श्राद्ध नहीं किया जाता है। साथ ही यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी वजह से तिथि पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध नहीं कर पाए हैं तो सर्वपितृ अमावस्‍या पर श्राद्ध किया जा सकता है। इससे पूर्वजों का आशीर्वाद भी प्राप्‍त होता है।

अमावस्या के बाद होता है पितृ पक्ष का समापन

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों का तर्पण या श्राद्ध करने के लिए अमावस्या तिथि को खास माना जाता है। ये श्राद्ध पक्ष की सबसे खास तिथि है इस दिन पितरों को विदाई दी जाती हैं, जिसके बाद पितृ पक्ष का समापन हो जाता है। अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दान-पुण्य करना चाहिए और ब्रह्रण या जरूरतमंदों को भोजन कराने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं। पूर्वजों के आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि आती है।

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पितृ पक्ष अमावस्या पर करना चाहिए ये काम

  • पितृ अमावस्या के दिन द्वार पर आए गरीब या जरूरतमंद को खाली हाथ न जानें दें।
  • पितृ अमावस्या के दिन भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन न करें।
  • पितृ अमावस्या के दिन बाल और नाखून काटना अशुभ माना जाता है। पुरुषों को इस दिन दाढ़ी नहीं बनवानी चाहिए।
  • इस दिन किसी भी बुजुर्ग, महिला और बच्‍चों को अपशब्‍द नहीं बोलना चाहिए।
  • सर्वपितृ अमावस्या के दिन अनजाने में हुई गलती के लिए आपने पितरों से क्षमा मांगनी चाहिए।

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