

पितृ पक्ष हिन्दू महीने भाद्रपद की पूर्णिमा से शुरू हो जाता है। आज पितृ पक्ष का पहला दिन है। पितृ पक्ष में पूर्वजों का तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध किया जाता है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये पितृ दोष के कारण और उनको दूर करने के उपाय
नई दिल्ली: पितृ पक्ष का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि हिन्दू मास भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर अश्विन महीने की अमावस्या तक पितरों का वास धरती पर होता है। ऐसे में पितृ पक्ष के समय पितरों का तर्पण, पिंडदान व श्राद्ध किया जाता है। आज पितृ पक्ष का पहला दिन है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये पितृ पक्ष पर पितृ दोष के कारण और उनको दूर करने के उपाय।
पितरों के आशीर्वाद से घर में धन-धान्य बना रहता है और कभी किसी तरह का कोई संकट नहीं आता है। लेकिन कुछ गलतियों और खामियों की वजह से पितर नाराज हो जाते हैं और लोगों को पितृ दोष झेलना पड़ता है।
डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट में जानिये कि पितृ दोष क्या होता है, किन वजहों से होता है और इसे किस तरह दूर किया जा सकता है।
पितृ दोष क्या होता है
माना जाता है कि नवम पर जब सूर्य और राहू की युति हो रही होती है तो पितृ दोष योग बनता है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य व राहू जिस भी भाव में बैठते है, उस भाव के सभी फल नष्ट हो जाते हैं। व्यक्ति की कुण्डली में एक ऐसा दोष है, जो इन सब दु:खों को एक साथ देने की क्षमता रखता है, इस दोष को पितृ दोष के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को अशुभ व दुर्भाग्यपूर्ण माना जाता है।
इन कारणों से लगता है पितृ दोष
पितृ दोष होने पर मिलते हैं ये संकेत
पितृ दोष को दूर करने के उपाय
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