अमनमणि त्रिपाठी को बड़ी राहत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी जमानत

डीएन ब्यूरो

गाजियाबाद की डासना जेल में बंद अमनमणि त्रिपाठी को गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अमन को सशर्त जमानत दे दी है। मतगणना के ऐन पहले अमन को जमानत मिलने से समर्थकों में जश्न का माहौल है। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अमन के जमानत के बाद नौतनवा सीट का राजनीतिक तापमान बढ़ना तय है।

नौतनवा सीट से निर्दल चुनाव लड़ने वाले अमनमणि त्रिपाठी
नौतनवा सीट से निर्दल चुनाव लड़ने वाले अमनमणि त्रिपाठी


इलाहाबाद: सारा सिंह मर्डर केस में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे अमनमणि त्रिपाठी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि अमनमणि त्रिपाठी अपना पासपोर्ट जमा करा दें, ताकि देश छोड़कर न जा सकें। इसके साथ ही इस मामले की जांच में पूरी तरह से सहयोग करें।

अमनमणि महराजगंज जिले की नौतनवा सीट से निर्दल प्रत्याशी के रुप में 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 

 

क्या है मामला
अमनमण‌ि पर पत्नी सारा सिंह की हत्या का आरोप लगा है। अमन के मुताबिक ये एक्सीडेंट था मगर सारा की मां सीमा सिंह ने अमनमणि पर हत्या का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। 25 अक्तूबर 2015 को सीबीआई ने सारा की हत्या का केस दर्ज करके पड़ताल शुरू की और 13 महीने बाद इस साल 25 नवंबर को अमनमणि को दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय पर तलब क‌िया गया था। आठ दिसंबर को सीबीआई ने अमन मणि को गिरफ्तार कर सीबीआई कोर्ट में पेश किया था, तभी से वह गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं। सीबीआई इस मामले में अमन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।

 

जस्टिस फॉर अमन

इस मामले में अमन को बहनों तनुश्री, अलंकृता और भाई अनयमणि त्रिपाठी ने भी अमन के पक्ष में "जस्टिस फॉर अमन" के नाम से जोरदार कैम्पेन सोशल मीडिया पर चलाया और सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन भी किया। इनका कहना है कि राजनीतिक विरोधियों के षड़यंत्र के तहत सीबीआई उनके भाई को परेशान कर रही है। अमन के भाई और दोनों बहनों ने पिछले दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस में सारा सिंह पर कई तरह के गंभीर आऱोप मढ़े और कहा कि वे अमन के विरोधियों के हाथ में खेल रही हैं। 

 

समर्थकों में जश्न

मतगणना के ऐन पहले अमन को जमानत मिलने से समर्थकों में जश्न का माहौल है। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अमन के जमानत के बाद नौतनवा सीट का राजनीतिक तापमान बढ़ना तय है।










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