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गोरखपुर: सूरजकुंड ओवरब्रिज हादसे के बाद एक्शन में आई पुलिस, दुकानदारों पर शिकंजा

सूरजकुंड ओवरब्रिज पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद तिवारीपुर थाना क्षेत्र की पुलिस हरकत में आ गई है। मंगलवार शाम हुए इस हादसे में 25 वर्षीय अमित गुप्ता की गर्दन चीनी मांझे से बुरी तरह कट गई थी। वह अपनी मां के साथ बाइक से घर लौट रहे थे, तभी यह जानलेवा हादसा हुआ।
Post Published By: Rohit Goyal
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गोरखपुर: सूरजकुंड ओवरब्रिज हादसे के बाद एक्शन में आई पुलिस, दुकानदारों पर शिकंजा

Gorakhpur: गोरखपुर सूरजकुंड ओवरब्रिज पर हुए दर्दनाक हादसे के बाद तिवारीपुर थाना क्षेत्र की पुलिस हरकत में आ गई है। मंगलवार शाम हुए इस हादसे में 25 वर्षीय अमित गुप्ता की गर्दन चीनी मांझे से बुरी तरह कट गई थी। वह अपनी मां के साथ बाइक से घर लौट रहे थे, तभी यह जानलेवा हादसा हुआ। मांझे से गर्दन कटने के कारण गले की पांच नसों में से चार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्हें जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज और फिर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां ऑपरेशन कर जान बचाई गई।

डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट के अनुसार इस दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। लोग सिहर उठे हैं कि खुलेआम प्रतिबंधित चीनी मांझा अब भी कैसे बिक रहा है। हादसे के तुरंत बाद तिवारीपुर थाना अध्यक्ष गौरव वर्मा ने सक्रियता दिखाते हुए थाना क्षेत्र की लगभग दस पतंग दुकानों की जांच कराई। हालांकि जांच में किसी भी दुकान पर चीनी मांझा बिकता नहीं पाया गया, लेकिन पुलिस ने कोई चूक न करते हुए सभी दुकानदारों से एक लिखित प्रमाण पत्र भरवाया है। इस शपथपत्र में दुकानदारों ने भविष्य में चीनी मांझा न बेचने का संकल्प लिया है।

थाना प्रभारी गौरव वर्मा ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है, “यदि भविष्य में किसी भी दुकान से चीनी मांझा बिकता पाया गया, तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह केवल चेतावनी नहीं, बल्कि आखिरी मौका है।”

कैसे पहुंच रहा है मांझा?

सरकार ने पहले ही चीनी मांझे पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन इसके बावजूद यह जानलेवा धागा चोरी-छिपे बाजारों में बिक रहा है। हादसे के बाद प्रशासनिक कार्रवाई तो हुई, लेकिन लोगों का कहना है कि ऐसी मुहिम सिर्फ हादसों के बाद नहीं, बल्कि नियमित रूप से चलनी चाहिए।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि सिर्फ दुकानों पर ही नहीं, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी इस खतरनाक उत्पाद की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाई जाए।

यह हादसा प्रशासन और नागरिकों के लिए एक चेतावनी है। अब समय आ गया है कि ऐसे खतरनाक उत्पादों पर मिलकर पूर्ण विराम लगाया जाए, ताकि भविष्य में कोई और जिंदगी यूं खून से लथपथ न हो।

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