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गौरव जायसवाल हत्याकांड: परिजनों ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत, गौरव के जन्मदिन पर भावुक हुआ परिवार

महराजगंज के चर्चित गौरव जायसवाल हत्याकांड पर कोर्ट के फैसले के बाद देखिये डाइनामाइट न्यूज़ की परिवार से खास बातचीत
Post Published By: Rohit Goyal
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गौरव जायसवाल हत्याकांड: परिजनों ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत, गौरव के जन्मदिन पर भावुक हुआ परिवार

महराजगंज: करीब तीन साल पहले महराजगंज में हुए चर्चित अधिवक्ता एवं भाजपा नेता गौरव जायसवाल हत्याकांड में न्याय को आखिरकार अंजाम मिल गया। गोरखपुर की सत्र न्यायालय ने इस मामले के मुख्य आरोपी रामबेलास यादव को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए ₹50,000 का आर्थिक दंड भी लगाया है। अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि जुर्माने की आधी राशि मृतक गौरव के पिता कैलाशनाथ जायसवाल को प्रतिकर के रूप में दी जाए।

21 मार्च 2022 की रात मची थी सनसनी

यह हत्याकांड 21 मार्च 2022 को रात लगभग 9 बजे सदर कोतवाली क्षेत्र में हुआ था। गौरव जायसवाल की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई थी, जिससे जिलेभर में सनसनी फैल गई थी। वारदात के बाद उनके पिता की तहरीर पर IPC की धारा 302 और आयुध अधिनियम की धारा 3/25/27 के तहत केस दर्ज किया गया था।

गोरखपुर ट्रांसफर हुआ मामला, दोषी साबित हुआ आरोपी

पुलिस ने विवेचना के बाद आरोपी रामबेलास यादव के खिलाफ दो अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए, जिन्हें बाद में महराजगंज से स्थानांतरित कर गोरखपुर सत्र न्यायालय में विचारार्थ भेजा गया। अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी करार दिया और भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत उम्रकैद और ₹50,000 जुर्माने की सजा सुनाई।

भावुक हुआ गौरव का जन्मदिन

फैसले के महज दो दिन बाद 12 जून को गौरव जायसवाल का जन्मदिन है। यह दिन परिजनों के लिए बेहद भावुक रहा। डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए परिवारवालों ने कहा कि यह दिन उनके लिए गर्व और दर्द दोनों का प्रतीक है। गौरव केवल एक वकील या नेता नहीं, बल्कि समाजसेवी भी थे। उनकी साफ-सुथरी छवि और जनसेवा की भावना उन्हें जनता के बीच प्रिय बनाती थी।

परिवार ने सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि

गौरव जायसवाल अपने पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर थे। उनके भाइयों ने जन्मदिन के अवसर पर सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट साझा कर उन्हें याद किया। परिजनों ने कहा कि भले ही न्याय मिला हो, लेकिन गौरव की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता।

न्यायालय का आदेश

कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी निर्देश दिया कि जुर्माने की 50% राशि मृतक के पिता को दी जाए। मुकदमे से जुड़ी सभी वस्तुओं को अपील की अवधि तक सुरक्षित रखने और नियमानुसार निस्तारण का आदेश भी दिया गया है। साथ ही फैसले की प्रति अभियुक्त को निशुल्क तत्काल उपलब्ध कराने को कहा गया है।

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