हिंदी
उत्तर प्रदेश के सरोजनी नगर के रसूलपुर गांव में आयोजित किए गए कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों और युवाओं को उन्नत खेती करने के तरीकों के बारे जानकारी दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरोजनी नगर के रसूलपुर गांव में आयोजित किसान कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों ने उन्नत खेती करने के कारगर तरीकों के बारे में किसानों और युवाओं को जागरूक किया और जरूरी जानकारी दी।
यह भी पढ़ें: उप कृषि निदेशक डॉ एके मिश्रा ने दी किसानों को अच्छी उपज की जानकारी
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक अखिलेश दुबे ने बताया कि किसान को अगर अपनी पैदावार और आय बढ़ानी है तो परंपरा से हटकर खेती करनी होगी। किसानों को अनाज की खेती से हटकर फूल और सब्जियों की खेती की तरफ मुड़ना होगा।

उन्होंने बताया कि किसानों को उन्नत और वैज्ञानिक तरीके से खेती करनी होगी। इसके लिए उन्हे फसल अवशेष का इस्तेमाल करना होगा। फसलों के बचे हुए अवशेष को वर्मी कंपोस्ट के साथ मिलाकर खाद के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए, इससे खेत की उर्वरक क्षमता बढ़ जाएगी और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाएगी।
सीनियर साइंटिस्ट ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि हरी खाद के रूप में ढैंचा लगाएं और सनई का इस्तेमाल करें और खेत को कभी भी खाली ना छोड़ें, उसमें जुताई कर दे ताकि मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कम न हो।
उन्होंने बताया कि अगर किसानों को अपनी आय बढ़ानी है तो खेती के अलावा उन्हें पशुपालन और फूलों व सब्जियों की बागवानी करनी चाहिए। किसान गेंदे और गुलाब की खेती भी कर सकते हैं। लखनऊ में कई किसान 15 सालों से गुलाब की खेती कर रहे हैं और प्रति एकड़ ढाई से तीन लाख रुपए कमा रहे हैं। गेंदे के फूल की खेती में गुलाब के मुकाबले लागत कम आती है। किसानों को इन प्रयोंग को जरूर करना चाहिए।