UP MLC Election Result: यूपी MLC चुनाव में भाजपा ने फहराया जीत का परचम, 48 साल का वर्चस्व किया ध्वस्त

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 6 शिक्षक और 5 स्नातक सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी की रणनीति बेदह सफल रही है। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट और जानिये MLC चुनाव का ताजा अपडेट

मेरठ शिक्षक सीट पर टूटा 48 साल का रिकॉर्ड, भाजपा के श्रीचंद शर्मा विजयी
मेरठ शिक्षक सीट पर टूटा 48 साल का रिकॉर्ड, भाजपा के श्रीचंद शर्मा विजयी


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 6 शिक्षक और 5 स्नातक सीट पर हुए चुनाव में बीजेपी की रणनीति विरोधी दलों पर भारी पड़ी। हालांकि MLC के खंड स्‍नातक और खंड शिक्षक क्षेत्र से 11 सीटों के लिए हुए चुनाव में कुछ सीटों पर की मतगणना जारी है, जिनमें भाजपा लीड कर रही है। लेकिन अब तक सामने आये चुनाव परिणामों में भाजपा इन चुनावों में अपनी जीत का परचम लहराने में सफल रही है।

मेरठ शिक्षक सीट पर 48 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए भाजपा प्रत्याशी श्रीचंद शर्मा चुनाव जीते हैं। यहां 48 साल से जीतते आ रहे ओमप्रकाश शर्मा गुट के सियासी वर्चस्व को भी भाजपा ने पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। शिक्षक और स्नातक की सीटों पर अभी तक शर्मा गुट का एकछत्र राज कायम था लेकिन इस चुनाव में भाजपा ने इसे खत्म कर दिया है। भाजपा के श्रीचंद शर्मा को प्रथम वरीयता में 4184 वोटों की निर्णायक बढ़त मिली। इसे भाजपा की ऐतिहासिक जीत माना जा रहा है।

लखनऊ खंड निर्वाचन से भाजपा के उमेश द्विवेदी विजयी

विधान परिषद की बरेली-मुरादाबाद, मुरादाबाद व मेरठ शिक्षक खंड सीट पर भाजपा के प्रत्याशी विजयी हुए हैं। लखनऊ शिक्षक लखनऊ खंड निर्वाचन से भाजपा के उमेश द्विवेदी विजयी हुए हैं।

गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के 2020 के चुनाव में भी बाजी मारते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के प्रत्याशी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने जीत की हैट्रिक लगाई है। इस सीट पर लगातार तीन बार जीतने वाले वह पहले प्रत्याशी बन गए हैं। 

इलाहाबाद-झांसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर मतगणना के दूसरे चक्र में भाजपा के यज्ञदत्त शर्मा 707 वोट के अंतर से आगे चल रहे थे।

शिक्षक एमएलसी वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी श्री लाल बिहारी यादव को जीत मिली है।

शिक्षक कोटे की छह एमएलसी सीटों में से चार पर बीजेपी ने उम्मीदवार उतारे थे जबकि सपा और शर्मा गुट ने सभी पर अपने प्रत्याशी को उतारा था।










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