उत्तर प्रदेशः महराजगंज में हल्की धूप तो निकली, पर बर्फीली हवाओं का कहर जारी, जानिये यह है वजह

डीएन ब्यूरो

एक बार फिर बुधवार को तापमान न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। बावजूद धूप तो निकला, पर पूरे दिन गलन का कहर बरकरार रहा। हल्की धूप से थोड़ी राहत जरूर महसूस हुई। जानिये डाइनामाइट न्यूज़ पर मौसम का पूरा अपडेट

हल्की धूप में  रोड पर बीड़ का आलम
हल्की धूप में रोड पर बीड़ का आलम


महराजगंजः मौसम के मिजाज में उतार-चढ़ाव जारी है। बुधवार की दोपहर बाद धूप तो निकली, पर हाड़ कंपा देने वाली वर्फीली हवाओं ने हर किसी को ठिठुरने को मजबूर कर दिया। हल्की धूप के बाद भी ठंड और गलन ने लोगों का दिनचर्या प्रभावित करता रहा। 
हर पल बदलेगा अभी मौसम 
वेदर अपडेट के अनुसार बुधवार को जहां दोपहर बाद न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। वहीं अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस पर तापमान ठिठक गया। गुरूवार से थोड़ा तापमान बढ़ने का अनुमान है। इस दिन न्यूननतम 9 डिग्री सेल्सियस, अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस रहेगा। जबकि शुक्रवार को न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस, अधिकतम 21 डिग्री सेल्सियस, शनिवार को न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस, अधिकतम 23 डिग्री सेल्सियस, रविवार को न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस, अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने का अनुमान है। 
सोमवार से निकलेगी धूप 
सोमवार से धूप निकलने की है। वेदर अपडेट के अनुसार जहां न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस तापमान रहेगा। वहीं अधिकतम 20 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने की संभावना है। मंगलवार को न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस, अधिकतम 22 डिग्री सेल्सियस, बुधवार को न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 22 डिग्री सेल्सियस तापमान रहने का अनुमान है। 
वर्फीली हवाओं ने बढ़ाई गलन 
नेपाल की पहाड़ियों से तराई में उतरी वर्फीली हवाओं ने गलन को और बढ़ा दिया है। दिन में जहां धूप से थोड़ी राहत मिली। वही रात में गलन ने हाड़कपा दी। मौसम वैज्ञानिकों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि अभी यह मौसम बरकरार रहेगा। वर्फीली हवाएं गलन को ताकत दे रही हैं। जनवरी के तीसरे सप्ताह तक इसी तरह मौसम रहने का अनुमान है। 
दलहन को नुकसान, गेहूं को फायदा 
कृषि वैज्ञानिकों ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि जहां यह ठंड गेहूं के लिए फायदेमंद है। वहीं दलहन और तिलहन की फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है। ठंड बरकरार रहने से सरसो की फसल में जहां माहू कीट का प्रकोप तेजी से बढे़गा। वहीं मसूर की फसल में फूल और फल कमजोर होंगे।










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