महराजगंज के किसानों की कसौटी पर खरा नहीं उतरा बसुली का आटोमेटिक वेदर स्टेशन, जानें यह वजह

डीएन संवाददाता

महराजगंज जिले भर के किसानों को हवा, वर्षा व तापमान की सटीक जानकारी के लिए बसुली स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र पर वेदर स्टेशन स्थापित किया गया है। लेकिन यह वेदर स्टेशन किसानों के लिए हवा-हवाई साबित हो रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज पर पूरी खबर

बसूली फारम का कृषि विज्ञान केंद्र
बसूली फारम का कृषि विज्ञान केंद्र


महराजगंजः मौसम विज्ञानियों द्वारा तूफान, बारिश से हालात भयावह होने की चेतावनी दी गई है। ऐन मौके पर कृषि विज्ञान केन्द्र बसुली में लगा वेदर स्टेशन कसौटी पर फेल साबित हो रहा है। न तो इस वेदर स्टेशन से हवा, वर्षा व तापमान की सटीक जानकारी मिल पा रही है और न ही बताने की कोशिश की जा रही है। हालात यह है कि केन्द्र में स्थापित वेदर स्टेशन शो-पीस बन गया है।

जबकि जिम्मेदारों का कहना है कि मौसम की सूचना सीधे हैदराबाद कवर करता है और वहीं से किसानों को पल-पल की जानकारी दी जाती है। पर जिले के किसानों ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। किसानों का कहना है कि पहले यहां से हवा, वर्षा और तापमान की जानकारी मैसेज के जरिए हर दिन मिलता था। लेकिन अब वह सूचना बंद हो गया है।

2910 में हुई थी वेदर स्टेशन की स्थापना
भारतीय अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा संचालित नीक्रा परियोजना के तहत कृषि विज्ञान केन्द्र बसूली में मौसम संबंधी जानकारी देने के लिए वर्ष 2010 में आटोमेटिक वेदर स्टेशन की स्थापना की गई। इससे किसानों के मोबाइल पर वर्षा, हवा, फसलों में लगने वाली बीमारियों के संबंध में जानकारी देने का प्राविधान था। लेकिन इस स्टेशन से किसी को कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। जबकि पहले किसानों के मोबाइल पर मैसेज के जरिए जानकारी मिलती थी, लेकिन अब वह पूरी तरह से बंद हो गया। न तो अब किसी को बर्षा, हवा की जानकारी मिल रही और नही जिम्मेदारों द्वारा कोई प्रयास ही किया जा रहा है।

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किसानों को क्या था फायदा                  
 जिला स्तर पर मौसम केन्द्र स्थापित होने से हर घंटे के अंतराल पर जानकारी मिलनी थी। बरसात की हाल और हवाओं की गति तथा उसके रुख का भी पता चलेगा। यह भी पता चलेगा कि बादल मध्यम रहेंगे या हल्के। हवा का रुख पूर्वी होगा या पश्चिमी। बरसात हल्की होगी या भारी। इसके माध्यम से किसानों को पल.पल की जानकारी देने की योजना है। अभी तक यह होता रहा है कि प्रदेश या राष्ट्रीय स्तर पर आंकड़े पर आधारित मौसम पूर्वानुमान मौसम विभाग जारी करता था। जिससे किसानों को सटीक जानकारी नहीं मिल पाती थी। वेदर स्टेशन पर यह सब एक साफ्टवेयर के जरिए संचालित होगा।

क्या बोले जिम्मेदार
कृषि विज्ञान केन्द्र बसूली के प्रभारी डाक्टर डीपी सिंह ने कहा कि इस वेदर स्टेशन में चिप लगा हुआ है। चिप के जरिए सीधे हैदराबाद व पटना को सूचना मिलता है। यह सही है कि यहां के किसानों को इस वेदर स्टेशन का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। दो दिन बाद हैदराबाद से बात कर यहां के किसानों के लिए मैसेज के जरिए सूचना देने की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।

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