Uttar Pradesh: उपद्रव के आरोप में गोरखपुर विश्वविद्यालय ने 18 छात्रों को किया निष्कासित, छह के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध

डीएन ब्यूरो

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अधिकारियों के साथ मारपीट करने एवं कुलपति के कार्यालय में तोड़फोड़ के आरोप में 18 छात्रों को निष्कासित कर दिया और छह बाहरी लोगों के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय


गोरखपुर: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने अधिकारियों के साथ मारपीट करने एवं कुलपति के कार्यालय में तोड़फोड़ के आरोप में 18 छात्रों को निष्कासित कर दिया और छह बाहरी लोगों के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार गोरखपुर विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर सत्यपाल सिंह ने एक बयान में बताया है कि इस मामले की जांच के बाद शनिवार को यह निर्णय लिया गया।

सिंह ने कहा, 'निष्कासित छात्र परीक्षा नहीं दे पाएंगे और उन्हें परिसर और विश्वविद्यालय के छात्रावासों में भी प्रवेश नहीं मिलेगा।'

सभी निष्कासित छात्र और प्रतिबंधित लोग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के सदस्य हैं। छात्रों ने फीस वृद्धि, परीक्षा कार्यक्रम तथा छात्रावास आवंटन में व्याप्त कथित अनियमितताओं के खिलाफ 21 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान कुलपति और विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बातचीत की कोशिश की थी लेकिन इसी दौरान बात बिगड़ गई और कुछ छात्रों ने कुलपति और अन्य अधिकारियों पर कथित रूप से हमला कर दिया था और दफ्तर में तोड़फोड़ की। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले में 22 जुलाई को 22 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

अभाविप के गोरक्ष प्रांत सचिव सौरभ गौड़ ने विश्वविद्यालय की इस कार्रवाई की निंदा की और कहा कि छात्रों के निष्कासन की कार्रवाई दरअसल उनसे शिक्षा का अधिकार छीनने का प्रयास है जो बिल्कुल अनुचित है। उनका कहना था कि अभाविप सदस्यों के निष्कासन से छात्रों की समस्या का समाधान नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में शुल्क वृद्धि और छात्रों के निष्कासन के फैसले का विरोध जारी रहेगा।










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